ई-इनवॉयस के नए नियम के दायरे में 1.80 लाख कंपनियां और आएंगी, छोटे और मध्यम कारोबारों में कम होगी टैक्स चोरी

नई दिल्ली।

20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर के कारोबार से कारोबार (बीटूबी) लेनदेन करने वाली कंपनियों के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयसिंग (ई-इनवॉयस) का नियम लागू होने जा रहा है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, इस नियम के लागू होने से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण में 75 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

ई-इनवॉयसिंग के लाभ

    उत्पादक की ओर से तैयार इनवॉयस पर रियल टाइम नजर रखी जा सकेगी।
     ई-इनवॉयस के इस्तेमाल से धोखाधड़ी की संभावना कम रहती है।
     छोटे और मध्यम कारोबारों में कर चोरी की संभावना घट जाती है।
    – ई-इनवॉयसिंग से मैनुअल रिपोर्टिंग प्रक्रिया में कमी आएगी।
    – हेरफेर की गुंजाइश घटेगी और वास्तविक इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे बढ़ेंगे।

अधिकारी के मुताबिक, एक अप्रैल से यह नियम लागू होने के बाद 1.80 लाख जीएसटी आईडेंटिफिकेशन नंबर (जीएसटीआईएन) यानी कंपनियां जुड़ेंगी। अभी यह संख्या 2.40 लाख है। नई कंपनियों के जुड़ने के बाद जीएसटीआईएन की संख्या बढ़कर 4.20 लाख हो जाएगी। हालांकि, एक कंपनी के पास एक से अधिक जीएसटीआईएन हो सकते हैं।
 

जीएसटी कानून के तहत सबसे पहले ई-इनवॉयसिंग के दायरें में 500 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों को लाया गया था। एक जनवरी 2021 से 100 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों को भी इसमें शामिल किया गया। इसके बाद एक अप्रैल 2021 से 50 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियां भी ई-इनवॉयसिंग के दायरे में लाई गईं।

कंपनियां बढ़ने से जीएसटी संग्रह बढ़ा
ई-इनवॉयसिंग प्रणाली को लागू करते समय अक्टूबर 2020 में जीएसटीआईएन में कंपनियों की संख्या 53,523 थी। जनवरी 2021 में 91,583 कंपनियां और इसमें शामिल हुईं। अप्रैल 2021 में 95,461 कंपनियां और जीएसटीआईएन से जुड़ीं और इनकी कुल संख्या 2,40,567 पर पहुंच गई। ई-इनवॉयसिंग प्रणाली में कंपनियों की संख्या बढ़ने से जनवरी 2022 में कर संग्रह चौथी बार 1.3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा।
 
अनुपालन में मदद मिलेगी
अधिकारी ने कहा कि ई-इनवॉयसिंग प्रणाली में छोटी और मध्यम कंपनियों को शामिल करने से ना केवल जीएसटी का दायरे बढ़ेगा, बल्कि कर चोरी रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 50 करोड़ के टर्नओवर के दायरे में अभी 2.40 लाख योग्य जीएसटीआईएन हैं। 20 करोड़ का दायरा लागू होने के बाद जीएसटीआईएन में 75 से 80 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। ई-इनवॉयसिंग से अनुपालन में सुधार लाने में मदद होगी, जो मजबूत कर संग्रह में दिखाई देगा।

Exit mobile version