नई दिल्ली
कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर ने लोगों की आदतों में ढेर सारे बदलाव कर दी हैं। अब महामारी की तीसरी लहर के बीच भारतीय स्थिति से निपटने के लिए अधिक बेहतर तरीके से तैयार हैं। अब भारतीय बीमा उत्पादों के साथ विवेकाधीन खर्चो में कटौती के जरिये वित्तीय सुरक्षा पर अधिक ध्यान दे रहे है। एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है।
जीवन बीमा पॉलिसियों के नवीकरण पर ध्यान
एसबीआई लाइफ की ओर से बुधवार को जारी वित्तीय सुरक्षा सर्वे 2.0 के दूसरे संस्करण में कहा गया है कि महामारी के पहले साल के बाद लोग विवेकाधीन सामान पर खर्च कम कर रहे हैं। वे मुख्य रूप से अपनी स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों के नवीकरण पर ध्यान दे रहे हैं। ''इसके अलावा लोग वित्तीय सुरक्षा या प्रतिरोधक क्षमता के लिए अपनी कमाई का आधा 'बचत' के निर्माण पर कर रहे हैं।
यह सर्वे 28 महानगरों और पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में किया गया। सर्वे में महिला-पुरुष भागीदारी 80:20 अनुपात में रही। वहीं सर्वे में 21 से 35 साल और 35-45 साल आयुवर्ग के लोगों की भागीदारी 50:50 रही।