नई दिल्ली
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मौजूदा कारोबारी और डीमैट खाताधारकों को नामांकन का विकल्प देने या इससे बाहर निकलने की समयसीमा को बढ़ाकर अगले साल मार्च तक कर दिया है। सेबी ने जुलाई, 2021 में सभी पात्र ट्रेडिंग और डीमैट खाताधारकों को नामांकन के विकल्प के बारे में 31 मार्च, 2022 तक बताने को कहा था। ऐसा नहीं होने पर नियामक ने उनके खातों को डेबिट के लिए फ्रीज (रोक लगाने) करने की बात कही थी।
अब नियामक ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि अब खातों पर रोक लगाने का प्रावधान 31 मार्च, 2023 से लागू होगा। नियामक ने कहा कि जिन खाताधारकों ने जुलाई के परिपत्र से पहले नामांकन दे दिया है उनके लिए इसे दोबारा देना वैकल्पिक होगा।
डिपॉजिटरी के लिए ये नियम: सेबी ने डिपॉजिटरी और भागीदारों से संबंधित नियमों में संशोधनों को अधिसूचित कर दिया है। सेबी ने नए नियमों में लेनदेन करने वाले सदस्यों के लिए कुल राशि की आवश्यक सीमा को बढ़ा दिया है। संशोधित नियमों में स्टॉक ब्रोकरों के पास अधिसूचना की तारीख से एक वर्ष के भीतर तीन करोड़ रुपये नेटवर्थ होना जरूरी है।
वहीं अधिसूचना की तारीख से दो साल के भीतर कुल राशि को बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये किया जाएगा। सेबी के मुताबिक नियमों में बदलाव का उद्देश्य प्रतिभूति बाजार में निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के बीच संभावित जोखिमों को कम करना है।