नई दिल्ली
लगातार बढ़ रही महंगाई आम लोगों की परेशानी बढ़ा रही है, दूसरी ओर इससे सरकार का खजाना भर रहा है। कर अनुपालन आसान बनाने के अलावा अप्रैल में जिन वजहों से सरकार को जीएसटी से रिकॉर्ड 1,67,540 करोड़ की कमाई हुई है, उनमें महंगाई भी शामिल है।
आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई जिस महीने ज्यादा होती है, उस महीने जीएसटी संग्रह भी बढ़ जाता है। मार्च, 2022 में जब जीएसटी वसूली रिकॉर्ड 1.42 लाख करोड़ रही थी, उस माह थोक महंगाई 14.55% पर पहुंच गई थी। खुदरा महंगाई की दर भी 17 महीने के उच्च स्तर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई थी।
उपकर से 10,649 करोड़ रुपये जुटाए
अप्रैल के कुल जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की हिस्सेदारी 33,159 करोड़ रही। राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का 41,793 करोड़ और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का 81,939 करोड़ योगदान रहा। आईजीएसटी में 36,705 करोड़ वस्तुओं के आयात से जुटाए गए। इसमें उपकर का हिस्सा 10,649 करोड़ रुपये रहा।
अप्रैल में जीएसटीआर-3बी में 1.06 करोड़ जीएसटी रिटर्न भरे गए। इनमें 97 लाख रिटर्न मार्च, 2022 के हैं। अप्रैल, 2022 में पंजीकृत कंपनियों या इकाइयों में से 84.7 फीसदी ने जीएसटीआर-3बी जमा किया। एक साल पहले के समान महीने में यह आंकड़ा 78.3 फीसदी था।
पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर भी ऊंची कीमतों की मार
देश में अप्रैल, 2022 में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में वृद्धि मासिक आधार पर नरम रही। घरेलू रसोई गैस एलपीजी की खपत भी घटी है। ईंधन के दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने से मांग प्रभावित हुई है। पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने अप्रैल में 25.8 लाख टन पेट्रोल बेचा, जो इस साल मार्च मुकाबले महज 2.1 फीसदी ही अधिक है। डीजल की बिक्री 66.9 लाख टन रही, जो मार्च के मुकाबले 0.3% ज्यादा है। एलपीजी की खपत मार्च के मुकाबले 9.1% घटकर 22 लाख टन रह गई।