नई दिल्ली
देश में छोटे कारोबारियों के लिए जीएसटीएन पोर्टल एक बार फिर से मुसीबत बन गया। जानकारी के मुताबिक पूरे साल जीएसटी चुकाने के बाद भी कंपोजीशन डीलर्स के पर पोर्टल के ऊपर टैक्स बकाया दिखाई दे रहा है। आंकलन के मुताबिक ऐसे कारोबारियों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। अब उन कारोबारियों पर रोजाना 50 रुपए के हिसाब से पेनाल्टी लग रही है। कंपोजीशन कारोबारी अब सरकार से पोर्टल की खामी दुरूस्त करके सालाना रिटर्न के ड्यू डेट को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। दरअसल ज्यादातर कारोबारी 30 अप्रैल तक अपना सालाना रिटर्न जीएसटीआर-4 सही तरीके से नहीं भर पाए हैं। ऐसे में जो जीएसटी वो पहले ही विभाग के पास जमा कर चुके हैं उसकी जानकारी पोर्टल से गायब हो गई है।
सरकारी नियमों के तहत 1.5 करोड़ रूपए तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी इस स्कीम में इस लिए शामिल होते हैं। इस स्कीम के तहत कुल बिक्री का सिर्फ एक फीसदी जीएसटी चुकाने और हर तीन महीने में रिटर्न भरने की सुविधा है। असली दिक्कत तब शुरू हुई जब साल 2019-20 से तिमाही रिटर्न फार्म सीएमपी 08 में विभाग ने बदलाव करके एक नया टेबल 6 जोड़ा। इसी में जीएसटी भुगतान की जानकारी भरनी थी।
जीएसटी जमा किया पर डिटेल्स नहीं भर पाए
विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर कारोबारी ये डिटेल्स नहीं भर पाए हालांकि उन्होंने जीएसटी जमा किया है। अब इस चूक के चलते अब पोर्टल पर जीएसटी की नेगेटिव लायबलिटी यानि बकाया दिखना शुरू हो गया है। कारोबारियों ने जब शिकायत की तो विभाग ने सलाह दी की जीएसटी दोबारा जमा करके भविष्य में उसका रिफंड ले लें।
आधे से ज्यादा कारोबारी इस मुश्किल में फंसे
टैक्स मामलों के विशेषज्ञ अभिषेक राजा राम ने हिंदुस्तान को बताया है कि ऐसे काबोरियों की बड़ी सख्या है और ये सब एक साथ सामने नहीं आ पा रहे हैं, क्योंकि इनका कोई संगठन नहीं है जो सभी की एक साथ मांगे सरकार के सामने रख सके। उनके मुताबिक आधे से ज्यादा कारोबारी इस मुश्किल में फंसे होंगे। साथ ही इन कारोबारियों की आमदनी भी सीमित होती है जिससे ये दो बार टैक्स जमा करने की हालत में भी नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया है सरकार को इस रिटर्न की तारीख आगे बढ़ाकर करोबारियों को राहत देने का काम करना चाहिए।