हीरो इलेक्ट्रिक ने महिंद्रा समूह के साथ साझेदारी की घोषणा, 150 करोड़ में हुई डील

हीरो इलेक्ट्रिक ने महिंद्रा समूह के साथ रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया है। महिंद्रा कंपनी आगामी पांच वर्षो तक लगभग 150 करोड़ के निवेश वाले संयुक्त उद्यम का साझीदार होगा। इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता हीरो इलेक्ट्रिक ने भारत के लिए इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए आज 19 जनवरी को महिंद्रा समूह के साथ एक संयुक्त उद्यम की घोषणा की है। हीरो इलेक्ट्रिक और महिंद्रा समूह के बीच ये साझेदारी लगभग 150 करोड़ की है और यह अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगी।

महिंद्रा समूह के साथ इस संयुक्त साझेदारी की मदद से हीरो इलेक्ट्रिक का टारगेट इस साल के अंत तक प्रति वर्ष एक मिलियन इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों कंपनियां हीरो इलेक्ट्रिक के स्वामित्व वाले लुधियाना संयंत्र का विस्तार करेंगी। इस संयुक्त उद्यम के हिस्से के रूप में, दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए share platform और supply chain को भी विकसित करेंगी।

सौदे के अनुसार, महिंद्रा समूह हीरो इलेक्ट्रिक के ऑप्टिमा और एनवाईएक्स स्कूटरों का निर्माण अपनी पीथमपुर फैक्ट्री में करेगा। हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने कहा, "महिंद्रा समूह कई वर्षों से इलेक्ट्रिक थ्री- और फोर-व्हीलर्स में अग्रणी रहा है।

इस साझेदारी के साथ, हम मांग को पूरा करने के लिए अपनी निर्माण क्षमताओं को और बढ़ाना चाहते हैं और देश में नए सेंटर तक पहुंचने के लिए महिंद्रा समूह की मजबूत supply chain का उपयोग करना चाहते हैं। हम निकट भविष्य में उनके साथ और अधिक तालमेल बनाने की उम्मीद करते हैं।"

महिंद्रा एंड महिंद्रा में ऑटो और फार्म सेक्टर के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरिकर ने कहा, "मैं पारस्परिक रूप से लाभकारी आधार पर महत्वपूर्ण मूल्य निर्माण देखता हूं और इस साझेदारी को अपने स्पष्ट वादे को पूरा करने के लिए तत्पर हूं।" संयुक्त उद्यम महिंद्रा के स्वामित्व वाली प्यूज़ो मोटोसायकल के पोर्टफोलियो के विद्युतीकरण की दिशा में भी काम करेगा। जेजुरिकर ने कहा, "दुनिया के कई क्षेत्रों और विशेष रूप से यूरोप में ईवी मोबिलिटी स्पेस में Peugeot Motocycles की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं।"

दोनों कंपनियों का लक्ष्य नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए आरएंडडी टीमों के बीच जानकारियां शेयर  करने के लिए संचार का एक सहज चैनल बनाना है। यह भारतीय और वैश्विक बाजारों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास में मदद मिलेगी।