नई दिल्ली
सोना (Gold) आर्थिक अनिश्चतता के दौर में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। इस साल की शुरुआत से अब तक सोने ने निवेशकों को सात फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि, इसकी कीमतों में कई बार तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर महंगाई और ब्याज दरों में वृद्धि के रुख के बीच सोना निवेशकों के लिए आगे भी फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञ इसकी कीमतों में पांच वजहों से तेजी की उम्मीद कर रहे हैं।
महंगाई बढ़ना
भारत में खुदरा महंगाई जहां 14 फीसदी के पार पहुंच गई है। वहीं ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों में यह चार दशक के ऊंचे स्तर पर है। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे अवधि के उतार-चढ़ाव को छोड़ दें तो महंगाई में वृद्धि के दौर में सोने की कीमतों में गिरावट की बजाय तेजी का रुख देखा जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि सोना महंगाई से मुकाबला करने वाला एक बेहतर निवेश विकल्प माना जाता है। ऐेस में आने वाले समय में भी सोने में तेजी की संभावना है।
ब्याज दरें बढ़ना
रिजर्व बैंक ने पिछले दिनों रेपो दर में 0.40 फीसदी जबकि अमेरिकी फेड ने 0.50 फीसदी का इजाफा किया। इसके अलावा ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंकों ने भी ब्याज दरों में वृद्धि की है। ब्याज दरों में यह वृद्धि महंगाई से पर अंकुश के लिए की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि दरें बढ़ने से कर्ज महंगे होते जा रहे हैं जिससे आम आदमी के साथ उद्योग जगत भी कर्ज लेने और कारोबार का विस्तार करने से बचता है। इससे आर्थिक रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका रहती है। इस स्थिति में भी सोने के दाम में तेजी का उम्मीद है।
मजबूत डॉलर
सोने की वैश्विक स्तर पर कीमत डॉलर में तय होती है। कच्चे तेल की कीमतें ऊंची होने और ब्याज दरें बढ़ने से निवेशक भारत जैसे विकासशील देशों से पूंजी निकालकर अमेरिका में निवेश को तरजीह दे रहे हैं। इससे डॉलर की मांग बढ़ी है जिससे उसकी कीमतों में भी तेजी आई है। ऐसे में डॉलर के मजबूत होने से भी सोने के दाम में तेजी की गुंजाइश है।
दुनिया की सप्लाई चेन में बाधा
चीन में कोरोना के बढ़ते मामले से कई शहरों में लॉकडाउन है। इससे दुनियाभर की आपूर्ति शृंखला में बाधा उत्पन हुई है। इसका असर वाहन उद्योग से लेकर टिकाउ उपभोक्ता उत्पाद समेत कई क्षेत्रों पर पड़ा है। इससे वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती की आशंका फिर से बढ़ गई है। इस स्थिति में भी सोने की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
रूस-यूक्रेन में युद्ध का लंबा खिंचना
दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में अनिश्चतता की एक बड़ी वजह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध भी है। इसके लंबा खिचने पर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका असर देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है इस संकट के मद्देनजर भी सोने में बढ़त देखने को मिल सकती है।