नई दिल्ली
शेयर बाजार में वर्ष 2021 के दौरान लिस्ट हुईं 58 नई कंपनियों में से 39 के आईपीओ ने निवेशकों को मालामाल कर दिया। इनमें सिगाची इंड ने 250 फीसदी तक का मुनाफा पहुंचाया। वहीं, 19 कंपनी के आईपीओ तगड़ा झटका दे गए। प्राइम डेटाबेस की रिपोर्ट के अनुसार इस साल 63 कंपनियों ने अपने आरंभिक सार्वजानिक निर्गमों (आईपीओ) के जरिये अब तक रिकॉर्ड 1,18,704 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आईपीओ से जुटाई गई रकम का आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 4.5 गुना अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में 15 कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से 26,613 करोड़ रुपये जुटाए थे। वहीं, साल 2017 में आईपीओ से जुटाए गए 68,827 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल अब तक लगभग दोगुनी रकम जुटाई गई है। आईपीओ में तेजी की अगुआई नए जमाने की स्टार्ट-अप कंपनियों ने की। इसमें खुदरा कंपनियों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
34 ने दिया 10 फीसदी मुनाफा
इस साल लिस्ट हुईं 58 कंपनियों में से 34 ने 10 फीसदी का मुनाफा निशेवकों को दिया। सबसे अधिक मुनाफे देने वाली कंपनी सिगाची इंडस्ट्री रही। इसके शेयर के भाव काफी ऊपर तक गए। कंपनी के शेयर का शुरुआती मूल्य 163 रुपये था, जो बढ़कर 570 रुपये तक पहुंचा। इसके मुनाफे में 250 फीसदी तक वृद्धि दर्ज की गई। इसके बाद पारस डिफेंस ने 185 फीसदी और लेटेंट व्यू ने 148 फीसदी का लाभ निवेशकों को पहुंचाया।
इन कंपनियों ने किया मायूस
19 कंपनियों के आईपीओ घाटे का सौदा साबित हुए। सबसे अधिक नुकसान सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक के आईपीओ में हुआ। इसमें निवेशकों को 52 फीसदी तक का घाटा उठाना पड़ा। इसके बाद कारट्रेड टेक कंपनी के आईपीओ में 47.5 फीसदी का नुकसान हुआ।
2022 में रहेगी भारतीय स्टार्टअप की धूम
वर्ष 2021 में भारतीय स्टार्टअप ने बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई और तीन नए मुकाम हासिल किए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि स्टार्टअप फंडिंग 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गई। इसके साथ ही रिकॉर्ड 40 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए। इसके अलावा 11 भारतीय स्टार्टअप शेयर बाजार में लिस्ट हुए। इनमें से नौ स्टार्टअप अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में भी ट्रेडिंग कर रहे हैं। इन नौ स्टार्टअप की बाजार पूंजी में कुल हिस्सेदारी 56 अरब डॉलर है। उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष 2022 में 12 से अधिक स्टार्टअप आईपीओ लाकर बाजार से पूंजी जुटा सकते हैं।
अमेरिका में भी आधे से ज्यादा आईपीओ पिटे
उधर, अमेरिकी शेयर बाजार में आईपीओ की स्थिति अच्छी नहीं रही। अमेरिका में इस साल 481 आईपीओ आए। इसमें से आधे से ज्यादा पिट गए और अपने शुरुआती मूल्य से भी नीचे पहुंच गए। हालांकि 180 बड़ी कंपनियों के आईपीओ ने किसी तरह 512 अरब डॉलर बाजार से जुटा लिए।