नई दिल्ली
इनकम टैक्स कैलकुलेटर- बजट 2021 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने धारा 80EEA के तहत इनकम टैक्स लाभ को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाया था, इससे घर खरीदारों (जिनके पास होम लोन अप्रूवल के समय तक कोई घर नहीं है) को आयकर छूट का दावा करने की अनुमति मिली थी। इसके मुताबिक अगर हाउस प्रॉपर्टी की कीमत ₹45 लाख से कम है तो होम लोन ब्याज भुगतान में 1.50 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स छूट का दावाकर सकते हैं। इस लाभ को 2022 के बजट में नहीं बढ़ाया गया है, इसका अर्थ है कि नए घर खरीदारों को अगले वित्तीय वर्ष से अधिक आयकर देना होगा। हालांकि, अगर कोई करदाता शुद्ध वित्तीय वर्ष में घर खरीदने पर विचार कर रहा है, तो वह अगले वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इस आयकर लाभ का लाभ उठा सकता है। घर खरीदार को चालू वित्तीय वर्ष में अपना ऋण स्वीकृत करने और अगले वित्तीय वर्ष में घर खरीदने की आवश्यकता है।
अभी भी है 1.50 लाख रुपए का फायदा लेने का मौका
आयकर अधिनियम की धारा 80EEA के तहत एक घर खरीदार अभी भी आयकर लाभ कैसे प्राप्त कर सकता है, इस पर मुंबई के टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने कहा, "अगले वित्त वर्ष से आईटीआर दाखिल करते समय आयकर अधिनियम की धारा 80EEA के तहत टैक्सपेयर टैक्स लाभ का दावा करने में सक्षम नहीं होगा , क्योंकि यह लाभ 31 मार्च 2022 को समाप्त हो जायेगा। हालाँकि, यदि कोई टैक्सपेयर अगले वित्त वर्ष में अपने सपनों का घर खरीदने पर विचार कर रहा है, तो उसके पास अभी भी एक वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख रुपए होम लोन ब्याज भुगतान के इस लाभ का लाभ उठाने का एक मौका है।"
कैसे उठाएं लाभ का मौका
जब चालू वित्त वर्ष में लाभ समाप्त हो जायेगा तो होम लोन ईएमआई चुकाने वाला टैक्सपेयर कैसे होम लोन के लिए लाभ का दावा कर सकता है, इस पर बलवंत जैन ने बताया कि लाभ अभी भी 31 मार्च 2022 तक उपलब्ध है। इसलिए, यदि टैक्सपेयर अगले वित्तीय वर्ष में अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहा है, उसे अभी होम लोन के लिए आवेदन करना होगा और इस वित्तीय वर्ष के अंत से पहले यानी 31 मार्च 2022 से पहले स्वीकृति पत्र प्राप्त करना होगा। दी गई अवधि के भीतर होम लोन स्वीकृति पत्र लेकर कोई व्यक्ति होम लोन की पूरी अवधि के लिए धारा 80EEA के तहत आयकर लाभ का दावा करने में सक्षम होगा, भले ही वे कुछ समय बाद अपना घर खरीदते हों, लेकिन स्वीकृत होम लोन की दी गई वैधता अवधि के भीतर है। बलवंत जैन ने कहा कि यह विचार उन घर खरीदारों के लिए काम करेगा जिनके पास गृह ऋण स्वीकृति के समय कोई घर नहीं है और घर की संपत्ति की कीमत 45 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।