इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर चोरी के आंकड़े नहीं जुटाता, गड़बड़ी पर होती है छापेमारी, लेकिन कोई एजेंडा नहीं होता

नई दिल्ली

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जेबी महापात्रा ने हिन्दुस्तान के विशेष संवाददाता सौरभ शुक्ल से खास बातचीत में बताया कि इस साल विभाग ने ऐतिहासिक टैक्स संग्रह किया है और यह वित्त वर्ष खत्म होते-होते 12.50 लाख करोड़ रुपये का संग्रह किया जाएगा। पेश है महापात्रा से बातचीत के प्रमुख अंश।

करदाताओं को पुराने रिटर्न पर अतिरिक्त मोहलत देने की वजह?

जो लोग भी अपने पुराने टैक्स रिटर्न में बदलाव करना चाहते हैं उनका स्वागत रहेगा। इस दौरान उस पर उन्हें कोई नोटिस नहीं जाएगा। वह खुद आगे बढ़कर पुरानी आमदनी बताकर दो साल के भीतर रिटर्न अपडेट कर सकते हैं।

 

चालू वित्त वर्ष में कितना टैक्स इकट्ठा हो चुका है?

फरवरी की शुरुआत तक 10.43 लाख करोड़ रुपये का टैक्स आया है। यह आंकड़ा पिछले साल से 56 फीसदी ज्यादा है और साल दर साल आधार पर ऐतिहासिक है। बजट अनुमान के हिसाब से विभाग का लक्ष्य 11.08 लाख करोड़ रुपये टैक्स इकट्ठा करने का था। वहीं संशोधित अनुमान के हिसाब इसे बढ़ाकर 12.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह लक्ष्य हम हासिल कर लेंगे।

आने वाले सालों के लिए क्या लक्ष्य है?

वित्तवर्ष 2022-23 के लिए 14.20 लाख करोड़ रुपये का और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 15.83 लाख करोड़ रुपये टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया है। आयकर की नई वेबसाइट की क्या हालत है? क्या लंबे समय तक आई परेशानी के लिए इंफोसिस पर कोई पेनाल्टी लगाई गई? बेबसाइट सुचारु रूप से चल रही है। दो दिन पहले तक 6.11 लाख रिटर्न फाइल किए जा चुके थे। साथ ही दूसरी चीजें भी व्यवस्थित हैं। इंफोसिस पर पेनाल्टी लगेगी या नहीं इस पर आकलन किया जा रहा है और समय आने पर बताया जाएगा।

टैक्स असेसमेंट की क्या हालत है?

आयकर से जुड़े सभी फेसलेस असेसमेंट में से 60 फीसदी से ज्यादा पूरे किए जा चुके हैं। ऐसे करीब दो लाख मामलों में असेसमेंट पूरा हो गया है। फिलहाल एक लाख मामले बाकी हैं। क्या देश में टैक्स चोरी के आंकड़ों में बढ़त देखी गई या कमी आई? विभाग टैक्स चोरी के आंकड़े नहीं जुटाता। गड़बड़ी दिखने पर छापेमारी होती है। फिर टैक्स की वसूली होती है। इस साल, पिछले साल के मुकाबले ही छापे डाले गए हैं। करीब 300 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी हुई जिसमें 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा अघोषित आमदनी का पता चला।

लोग कह रहे हैं कि इस साल छापों में तेजी आई है?

छापेमारी के पीछे विभाग का कोई एजेंडा नहीं होता है। हम सिर्फ अघोषित आमदनी का पता लगाते हैं। जहां कहीं भी गड़बड़ी पाई जाती है सिर्फ और सिर्फ वहीं छापे पड़ते हैं। इसके पीछे कोई कोई गलत इरादा नहीं होता है।