क्रिप्टो से आमदनी पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की चार-पांच साल से थी नजर, छिपाने पर पड़ी नियम की जरूरत: सीबीडीटी चेयरमैन

नई दिल्ली
आयकर विभाग के मुताबिक क्रिप्टो से कमाई करने वाले लोग गलत जानकारियां देते थे। बजट के नए प्रावधानों से उन पर नकेल कसी जा सकेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जेबी महापात्रा ने हिन्दुस्तान के विशेष संवाददाता सौरभ शुक्ल से खास बातचीत की। महापात्रा से बातचीत के प्रमुख अंश। क्रिप्टो की आमदनी पर विभाग चार-पांच सालों से नजर बनाए हुए था। आयकर विभाग के अधिकारियों ने फील्ड से जो आकलन किया है उसके पता चला कि ज्यादातर लोग इस पर टैक्स देते ही नहीं थे। जो कुछ लोग टैक्स देते थे वह कभी यह नहीं बताते कि यह रकम क्रिप्टो में कमाई की है।

बड़े पैमाने पर लोग इसे कारोबारी आमदनी या फिर अन्य स्रोतों से आय बताते। जो लोग इसे क्रिप्टो से कमाई बताते उनके खातों से खरीद और बिक्री में भारी अंतर देखने को मिला। ऐसे में उपलब्ध जानकारी ही टैक्स वसूली का आधार रहती थी।

अब कैसे आकलन होगा?
एक अप्रैल 2022 के बाद लोगों को इस पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया है। वहीं इसकी खरीद के समय सरकार को एक फीसदी टीडीएस देना होगा। क्रिप्टो में ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाने वालों को कमाई रकम पर टैक्स देना होगा।

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