
नई दिल्ली
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की तरफ से संचालित दो प्रमुख पेंशन योजनाओं से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या फरवरी के अंत तक सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 5.07 करोड़ से अधिक हो गई। पीएफआरडीए ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं में शामिल अंशधारकों की संख्या फरवरी, 2022 के अंत तक बढ़कर 5 करोड़ 7.23 लाख हो गई। पीएफआरडीए के मुताबिक, फरवरी, 2021 के अंत में यह संख्या 4 करोड़ 14.70 लाख थी। इस तरह पेंशन योजनाओं में शामिल लोगों की संख्या एक साल पहले की तुलना में 22.31 प्रतिशत बढ़ी है। एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत प्रबंधन वाली कुल परिसंपत्तियां भी 28.21 प्रतिशत बढ़कर 7,17,467 करोड़ रुपये हो गईं।
केंद्र के 22.75 लाख कर्मचारी एनपीएस में शामिल
पेंशन नियामक के मुताबिक, एनपीएस में शामिल केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या फरवरी अंत तक करीब पांच प्रतिशत की वृद्धि के साथ 22.75 लाख हो गई। वहीं, राज्य सरकारों के कर्मचारियों की संख्या 9.22 प्रतिशत बढ़कर 55.44 लाख हो चुकी है। अगर कॉरपोरेट जगत की बात करें तो एनपीएस में शामिल होने वाले कर्मचारियों की संख्या फरवरी, 2022 के अंत तक 25 प्रतिशत की तीव्र बढ़त के साथ 13.80 लाख पर पहुंच गई। इसके साथ ही अटल पेंशन योजना में पंजीकृत होने वाले लोगों की संख्या फरवरी के अंत तक 29 प्रतिशत बढ़कर 3.52 करोड़ हो गई।
क्या है अटल पेंशन स्कीम
अटल पेंशन स्कीम यानी एपीएस के तहत निवेश करने की उम्र 18 से 42 साल है। इस योजना में आप मासिक आधार पर 1 से 5 हजार रुपए तक की पेंशन ले सकते हैं। आप पेंशन के लिए 42 रुपए से भी शुरुआत कर सकते हैं। 18 साल की उम्र में इस मामूली रकम से शुरुआत कर बुढ़ापे में 1 हजार रुपए पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। उदाहरण से समझें: मान लीजिए कि आप 18 साल के हैं और आप 60 साल बाद 5000 रुपए महीना पेंशन चाहते हैं तो आपको 210 रुपए महीना देना होगा। उम्र बढ़ने के साथ निवेश की रकम बढ़ जाएगी। इसके अलावा 80 सी के तहत टैक्स में छूट ले सकते हैं।
ये भी है खासियत: निवेशक की मृत्यु पर पति या पत्नी को आजीवन पेंशन की राशि की गारंटी दी जाती है और अंत में, दोनों ग्राहकों की मृत्यु की स्थिति में और पति / पत्नी, पेंशन की पूरी राशि नामित व्यक्ति को भुगतान कर दी जाती है।
क्या हैं एनपीएस के फायदे
नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस स्कीम इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण है, यहां निवेशक अपने निवेश पर 75 प्रतिशत तक इक्विटी एक्सपोजर चुन सकता है। एनपीएस में आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर छूट की अनुमति देते हैं। एनपीएस में धारा 80सीसीडी के तहत अतिरिक्त आयकर छूट उपलब्ध है। धारा 80सीसीडी के तहत, एक करदाता एक वित्तीय वर्ष में अपने एनपीएस खाते में निवेश किए गए ₹50,000 तक कर लाभ का दावा कर सकता है। एनपीएस खाताधारक एकल वित्तीय वर्ष में ₹2 लाख तक के निवेश पर आयकर लाभ का दावा कर सकता है।