कंगाली की ओर एक कदम और बढ़ा पाकिस्तान, तीन साल में दोगुना हुआ विदेशी कर्ज, डॉलर के मुकाबले रुपया 177 पर

नई दिल्ली

इमरान खान का नया पाकिस्तान विदेशी कर्ज के बोझ के तले दब गया है। एक नई सरकारी रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में पाकिस्तान ने 10.45 अरब अमेरिकी डॉलर के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 15.32 अरब डॉलर का नया विदेशी कर्ज लिया है। ट्रिब्यून के अनुसार, रिपोर्ट से पता चलता है कि मौजूदा सरकार ने केवल तीन वर्षों में पाकिस्तान के विदेशी ऋण को लगभग दोगुना कर दिया है, जिसमें 35.1 बिलियन डॉलर जोड़कर कुल आंकड़ा 85.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। द एक्सप्रेस के अनुसार, आर्थिक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाता घाटे पर दबाव को कम करने, विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने, बाहरी ऋण सेवा क्षमता बढ़ाने और जल क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक वित्तपोषण प्रदान करने के लिए नया ऋण लिया गया था। बताया कि चालू खाते के घाटे को पूरा करने के लिए भारी उधारी पहले ही बढ़ने लगी है। इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि बड़े आयात बिल के कारण चालू खाते पर दबाव को कम करने के लिए हम रिकॉर्ड उधारी का एक और वर्ष देखेंगे।

डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 30.5 फीसदी गिरा
सितंबर में वित्त मंत्रालय ने कहा कि कुल सार्वजनिक ऋण में वृद्धि का 2.9 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये मुद्रा के अवमूल्यन के कारण था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदा सरकार के तहत पिछले तीन साल और चार महीने में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया हाल ही में 30.5 फीसदी गिरा है।

द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार पाकिस्तानी रुपये का मूल्य अगस्त 2018 में डॉलर के मुकाबले 123 रुपये से गिरकर दिसंबर 2021 में 177 रुपये हो गया है, जो पिछले 40 महीनों में 30.5 प्रतिशत की गिरावट है। यह देश के इतिहास में मुद्रा के उच्चतम अवमूल्यन में से एक है। विशेष रूप से बांग्लादेश के बनने के बाद एकमात्र उच्च अवमूल्यन हुआ और 1971-72 में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान की मुद्रा 58 प्रतिशत घटकर 4.60 रुपये से 11.10 रुपये हो गया था।