सेकेंड हैंड या इस्तेमाल हो चुके स्मार्टफोन की बिक्री संगठित रूप लेने लगा है। इसकी बिक्री दर नए स्मार्टफोन से अधिक हो गई है। विभिन्न रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 में भारत में वर्ष 2021 के मुकाबले स्मार्टफोन की बिक्री में छह फीसद की कमी आई जबकि इस्तेमाल हो चुके स्मार्टफोन की बिक्री में 15 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी रही। कम कीमत में हाइएंड फोन की चाहत इसका बड़ा कारण है लेकिन, बड़ी समस्या यह है कि ऐसे फोन में सिर्फ छह महीने की वारंटी होती है, कोई गारंटी नहीं होती है।
भारत में केवल सैमसंग ही अपना फोन रीफर्बिस कर बेच रही है बाकी के फोन अन्य नई नई कंपनियां बेच रही हैं। ऐसे में फोन की गुणवत्ता घेरे में रहती है लेकिन, बिक्री तेज हो रही है। पुराने फोन की बिक्री में बढ़ोतरी को देखते हुए कई स्टार्टअप कंपनियां सिर्फ पुराने स्मार्टफोन बेचने का काम कर रही है। होली के मौके पर कई ई-कॉमर्स कंपनियां सेकेंड हैंड आईफोन 13 जैसे मॉडल भी बेच रही हैं।
मोबाइल फोन पर रिसर्च रिपोर्ट निकालने वाली कंपनी काउंटरप्वाइंट के रिसर्च विशेषज्ञों ने बताया कि सेकेंड हैंड मोबाइल फोन को पूरी तरह से रिसेट करने के बाद ही कंपनियां उसे बेचती है। हालांकि इसमें सिर्फ छह महीने की वारंटी मिलती है। रिसर्च विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में सालाना 1.5 करोड़ से अधिक सेकेंड हैंड फोन की बिक्री चल रही है और इनकी बिक्री बढ़ोतरी दर 15 फीसद से अधिक है।अन्य रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2026 तक भारत में सेकेंड हैंड फोन की सालाना बिक्री 11 करोड़ यूनिट तक पहुंच सकती है। इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक वर्ष 2026 तक भारत में यूज्ड मोबाइल फोन का कारोबार 4.6 अरब डॉलर का हो जाएगा।