नई दिल्ली
अमेरिका के सेंट्रल बैंक यूएस फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 28 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी की है। महंगाई कंट्रोल के लिए फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट या 0.75 फीसदी तक का इजाफा किया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी नवंबर 1994 में की थी। आपको बता दें कि मई माह में अमेरिका की महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर थी।
जुलाई में फिर बढ़ोतरी संभव: इसके साथ ही फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। जेरोम पॉवेल के मुताबिक फेड जुलाई में फिर से दरों में 0.75 की बढ़ोतरी कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि फेड के पास महंगाई को कंट्रोल में लाने के लिए जरूरी समाधान हैं। निवेशक हुए गदगद: इस बीच, फेड रिजर्व के ताजा फैसले के बाद अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में उछाल आया। डाउ जोन्स एक बार फिर 30,550 अंक के स्तर को पार कर गया। एसएंडपी 500 ने भी करीब 1 फीसदी के उछाल के साथ 3,770 अंक के स्तर को पार किया। वहीं, यूएस फेड के फैसले से डॉलर भी मजबूत हुआ है। बहरहाल, यूएस फेड के इस फैसले का असर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में देखने को मिलेगा। अब देखना अहम है कि गुरुवार के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार का क्या रुख रहता है।
10 माह के निचले स्तर पर है भारतीय बाजार: आपको बता दें कि भारतीय शेयर बाजार पिछले दस माह के निचले स्तर पर है। वहीं, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये में भी रिकॉर्ड गिरावट आई है। बुधवार को सेंसेक्स का हाल: तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 152.18 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ पिछले दस माह के सबसे निचले स्तर 52,541.39 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में पिछले चार कारोबारी सत्रों में 2,778.89 अंक की गिरावट आ चुकी है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 39.95 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 15,692.15 अंक पर बंद हुआ। रुपये का हाल: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 18 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ सर्वकालिक निचले स्तर 78.22 प्रति डॉलर पर है। बता दें कि बुधवार को रुपया, लगातार चौथे कारोबारी सत्र में रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ है।