छत्तीसगढ़ की मशहूर गायिका लता खापर्डे का राजनांदगांव में बुधवार देर रात निधन हो गया। लोक संस्कृति से जुड़ी और गोदना सांस्कृतिक मंच की गायिका लता खापर्डे की तबियत बुधवार दोपहर में खराब हुई। शाम उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गुरुवार को शहर के भरकापारा स्थित उनके आवास से अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गायिका लता खापर्डे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सीएम भूपेश ने कहा कि लता जी ने छत्तीसगढ़ी बोली और लोक संगीत के उत्थान के लिए जो किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
लता खापर्डे ने छत्तीसगढ़ लोक कला के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। 6 साल की उम्र से ही उन्होंने सुप्रसिद्ध लोक कलाकार रामचंद्र देशमुख के सान्निध्य में रहकर छत्तीसगढ़ी लोक कला के क्षेत्र में अपने पैर जमाए। इसके बाद उन्होंने खुमान साव और हबीब तनवीर जैसी शख्सियतों के साथ काम किया। लता खापर्डे ने छत्तीसगढ़ आकाशवाणी में भी काम किया और अपनी गायिकी के जरिए नया मुकाम हासिल किया। उनकी मधुर आवाज हमेशा लोगों के जेहन में जिंदा रहेगी।