छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली महिला कमांडर ने गुरुवार को सरेंडर कर दिया। उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम था। सरेंडर करने वाली महिला नक्सली करीब 20 साल से संगठन में सक्रिय थी। अफसरों का कहना है कि प्रशासन की ओर से नक्सल उन्मूलन और उनके पुनर्वास के लिए 'पूना नकम अभियान' चलाया जा रहा है। इससे प्रभावित होकर महिला नक्सली कमांडर ने सरेंडर किया है। उन्होंने बताया कि 'पूना नकम अभियान' का अर्थ होता है, नई सुबह, नई शुरुआत।
पुलिस ने बताया कि नक्सलियों के अमानवीय, शोषण, अत्याचार और बाहरी नक्सलियों के भेदभाव करने के व्यवहार के चलते स्थानीय आदिवासियों पर हिंसा की जा रही है। इसी के खिलाफ महिला नक्सली संतो उर्फ रामे ने सरेंडर कर दिया। एसीएम आमदई एरिया कमेटी पूर्व बस्तर डिवीजन में संतो एलजीएस कमांडर थी। संतो को सरेंडर के लिए प्रोत्साहित करने में एसडीओपी निशांत पाठक व 74 वाहिनी सीआरपीएफ कमान अधिकारी संदीप बिजारनिया का विशेष प्रयास रहा।
पुलिस ने बताया कि, सरेंडर करने वाली नक्सली संतो उर्फ रामे 2003 तक एरिया सीएनएम संस्था (इन्द्रावती एरिया कमेटी) में कमांडर थी। फिर 2004 से 2009 तक कंपनी नंबर एक की कमांडर रही। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया और 2009 से 2013 तक जगदलपुर जेल में रही। जेल से छूटने के बाद फिर नक्सली संठगन में सक्रिय हो गई। इस दौरान वह नारायणपुर व कोण्डागांव जिले में हुई नक्सली गतिविधियों में शामिल थी।