पिछले सप्ताह यूरोप में कोराना केस करीब दो मिलियन पहुंच गए हैं, कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से क्षेत्र में एक सप्ताह में यह संख्या सर्वाधिक है। जहां नीदरलैंड्स और लातविया ने नए उपायों को लागू किया है, जर्मनी भी केसों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद नए प्रतिबंधों को लागू कारने पर विचार कर रहा है।
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण की दिशा में सख्त कदम उठाते हुए ऑस्ट्रिया ने टीकाकरण न कराने वाले लोगों को सोमवार यानी आज से लॉकडाउन में रखने का निर्णय लिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावायरस के प्रकोप को कम करने के लिए पश्चिमी यूरोप के इस देश ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोराना केस करीब दो मिलियन पहुंच गए हैं, कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से क्षेत्र में एक सप्ताह में यह संख्या सर्वाधिक है। जहां नीदरलैंड्स और लातविया ने नए उपायों को लागू किया है, जर्मनी भी केसों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद नए प्रतिबंधों को लागू करने पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रिया में इस समय केवल 65ः फीसदी लोग की पूरी तरह वैक्सीनेटेड हैं, यह दर पश्चिमी यूरोप में सबसे कम में से एक है। ऑस्ट्रिया की टीकाकरण दर इसके फ्रांस और इटली जैसे पड़ोसियों से कम जबकि पूर्वी यूरोप के देशों से काफी ऊपर है। स्लोवाविकया की राजधानी ब्रातिसलावा, जो कि विएना से महज 50 मील दूर है, में तो केवल 43 फीसदी लोग ही वैक्सीनेटेड हैं। उधर, जर्मनी में भी कोरोना वायरस पर काबू रखने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार किया जा रहा हैं, इसमें कम्पनियों को कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की इजाजत देना शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां की सेना ने मेडिकल क्लीनिक की मदद के लिए हजारों सैनिकों को स्टेंडबाय के रूप में रखा है। जर्मनी ने हाल ही में ऑस्ट्रिया को हाई रिस्क जोन में रखा है और वहां से लौटने वाले वैक्सीनेटेड लोगों को क्वारंटाइन होना जरूरी होगा।