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पश्चिमी अफ्रीकी देश माली फिर खूनी जंग की बनी गवाह, आतंकी हमलों में 42 सैनिकों की मौत

बमाको
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली की धरती एक बार फिर से सैनिकों के खून से लाल हो गई। माली सरकार ने बुधवार को बताया रविवार को टेसिट शहर में हुए आतंकी हमलों में उनके 42 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 22 गंभीर रूप से घायल हुए है। माली की सरकार ने खूंखार आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) से जुड़े किसी संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। मालियन सेना के उपर आतंकियों का यह अब तक का सबसे जबरदस्त हमला बताया जा रहा है।
 
पलक झपकते ही लोग मारे जाते हैं यहां
पश्चिम अफ्रीका के देश माली में आतंकी घटनाएं एकाएक हो जाती है। यहां लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिलता है। माली में हुए आतंकी हमलों में 42 सैनिक मारे गए हैं। सरकार कह रही है कि, इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ है। घायल 22 सैनिकों का इलाज चल रहा है। यह मालियन सेना के लिए हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक था, जो पश्चिम अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में फैले आतंकवादी समूहों द्वारा एक दशक से लंबे समय से विद्रोह से जूझ रही है।
 
IS आतंकी हमला हो सकता है: सरकार
सरकारी बयान के मुताबिक, सशस्त्र आतंकवादी समूहों ने हमले के लिए ड्रोन, विस्फोटक, कार बम और तोपखानों का प्रयोग किया है। इससे इस्लामिक स्टेट के किसी संगठन के इस हमले में शामिल होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि आईएस हमला करने के दौरान इन घातक हथियारों का इस्तेमाल करती है।
 
खूनी जंग में कुछ भी नहीं बचता है
वहीं जानकारी के मुताबिक कई घंटो तक चली मुठभेड़ में सैनिकों ने 37 आतंकियों को मार गिराया। वहीं, सेना ने पहले कहा था कि हमले में 17 सैनिक मारे गए थे और 9 लापता हो गए थे। वहीं, 42 सैनिक भी मारे गए।
 
माली पर जुंटा सैन्य का शासन
बता दें कि, माली पर जुंटा सैन्य का शासन चलता है। इसने 2020में लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंका था। क्योंकि देश में पिछली सरकार में ज्यादा हमले हो रहे थे और उस पर लगाम लगाने के लिए शायद ऐसा किया गया था। हालांकि, जुंटा शासन में भी हालात नहीं सुधरे हैं, क्योंकि आए दिन आतंकी हमले होते ही रहते हैं, जिससे जनता काफी परेशान रहती है।

 

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