
नई दिल्ली
केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा पांच वर्ष से बढ़ाकर छह साल किए जाने के मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी। इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) से यह बताने के लिए कहा था कि इस साल पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले की तरह पांच साल की जा सकती है या नहीं। न्यायालय ने केवीएस के वकील से इस बारे में दिशा निर्देश लेने और अवगत कराने का निर्देश दिया था। केवीएस के फैसले के आधार पर आज आज अदालत अपना फैसला सुना सकती है।
जस्टिस रेखा पल्ली ने केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र पांच वर्ष से बढ़ाकर छह साल किए जाने के केवीएस के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था। इससे पहले याचिकाकर्ता बच्ची की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि वह न तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को चुनौती दे रहे हैं और न ही केवीएस के अधिकार को।
अग्रवाल ने कहा वह सिर्फ आनन फानन में दाखिले की न्यूनतम उम्र में बढ़ोतरी किए जाने और इसके लिए अपनाए तरीके के खिलाफ हैं। इसके बाद जस्टिस पल्ली ने केवीएस के वकील से ‘यह बताने के लिए कहा कि इस साल पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले की तरह पांच साल की जा सकती है या नहीं। उन्होंने कहा कि यदि केवीएस किसी तरह का इस बारे में निर्णय नहीं लेता है तो वह अगली सुनवाई पर समुचित आदेश पारित करेंगे।