पटना
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए राज्य के 26 स्कूलों का चयन किया गया है। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा फाइव स्टार दिया गया है। इन स्कूल के प्राचार्यों को पांच मई को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के तौर पर स्कूलों को 50-50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। वहीं राज्य भर से 38 स्कूलों को फोर स्टार मिला है। इन स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। फोर स्टार से नीचे यानी थ्री स्टार, टू स्टार और वन स्टार को सम्मानित नहीं किया जायेगा।
ज्ञात हो कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पहली बार राज्य स्तर पर सरकारी स्कूलों के बीच स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार का आयोजन किया था। इसके तहत राज्य भर से 66125 स्कूलों ने आवेदन किया। इसमें प्रखंड स्तर पर बीईओ द्वारा कुल 3214 स्कूलों का फाइव स्टार दिया गया। वहीं फोर स्टार 9604, थ्री स्टार 20363, टू स्टार 24276 और वन स्टार 8669 दिया गया, लेकिन जब इन स्कूलों का सत्यापन किया गया तो प्रखंड स्तर पर मात्र 5288 स्कूलों का चयन वन स्टार से लेकर फाइव स्टार तक किया गया। जिला स्तर पर 355 स्कूल चयनित हुए। राज्य स्तर पर इसकी संख्या 125 रह गयी। अब राज्य स्तर पर चयनित 125 स्कूलों में 26 स्कूलों को फाइव स्टार दिया गया है।
पटना, गया और पश्चिम चंपारण के सबसे ज्यादा स्कूल शामिल: स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में राज्य भर से सबसे ज्यादा पटना, गया और पश्चिम चंपारण के स्कूल चयनित हुए है। राज्य भर से चयनित 125 स्कूलों में इन तीनों जिला के दस-दस स्कूल हैं। स्कूलों को फाइव से लेकर थ्री स्टार तक मिला है। वहीं राज्य भर के 11 ऐसे जिले है जहां से एक भी स्कूल को कोई स्टार नहीं मिला है। इसमें अरवल, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, जहानाबाद, नालंदा, सहरसा, शिवहर, सुपौल जिला शामिल है।
इन बिंदुओं पर हुआ था स्कूलों का आकलन
1. सुरक्षा और पर्याप्त जल की उपलब्धता – इसमें दस बिंदुओं पर स्कूलों की जांच की गई
2. छात्र-छात्राओ के लिए अलग-अलग कार्यशील शौचालय – इसमें दस बिंदुओं पर जांच हुई
3. साबुन से हाथ धुलाई – इसमें पांच बिंदुओं पर जांच हुई
4. परिचालन एवं रख-रखाव – इसमें दस बिंदुओं पर जांच हुई
5. स्थायी व्यवहार परिवर्तन हेतु संचार – इसमें पांच बिंदुओं पर आकलन किया गया
6. नियमित क्षमता संवर्धन – इसमें 5 बिंदुओं पर आकलन किया गया
7. सामुदायिक सहभागिता एवं सहयोगी तंत्र – इसमें पांच बिंदुओं पर जांच की गई
स्कूलों ने किया था आवेदन राज्य स्तर पर सरकारी स्कूलों के बीच पहली बार हुई प्रतियोगिता
जून से फरवरी तक हुआ सत्यापन
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए पहला मूल्यांकन जून से जुलाई में हुआ। दूसरा मूल्यांकन 20 नवंबर से 20 दिसंबर तक हुआ। प्रखंड स्तरीय सत्यापन 21 से 31 दिसंबर तक किया गया। इसमें चयनित स्कूलों का सत्यापन जिला स्तर पर किया गया। जिला स्तर पर चयन के बाद राज्य स्तर पर स्कूलों का सत्यापन किया गया। अंतिम रूप से 26 स्कूलों का चयन किया गया। इस प्रतियोगिता में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के स्कूल शामिल हुए थे।
चयनित 125 स्कूलों में इन जिलों के स्कूल हैं शामिल
अररिया -4, बेगूसराय -8, भोजपुर -2, पूर्वी चंपारण -3, गया -10, गोपालगंज -4, जमुई -5, कैमूर -3, कटिहार -1, खगड़िया -1, किशनगंज -4, लखीसराय -2, मधेपुरा -2, मधुबनी -3, मुंगेर -3, मुजफ्फरपुर -3, नवादा -2, पटना -10, पूर्णिया -6, समस्तीपुर -9, सारण -5, शेखपुरा -6, सीतामढ़ी -6, सीवान -4, वैशाली -3, पश्चिम चंपारण -10