प्रयागराज
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेजों में नॉन-नेट शोधार्थियों के लिए खबर परेशान करने वाली है। उन्हें फेलोशिप ( ugc non net fellowship for phd students ) नहीं मिल सकेगी। इस बाबत यूजीसी ( UGC ) के अवर सचिव डॉ. अंजु मोहन गहलोत ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है। 30 मार्च को यूजीसी ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि नॉन-नेट शोधवृत्ति एमफिल, पीएचडी केवल केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर के अधीन शोधार्थी को दी जाती है। न कि केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबंधित विश्वविद्यालय को।
विदित हो कि तत्कालीन कुलपति प्रो. आरएल हांगलू ने कॉलेजों में पीएचडी की मंजूरी दी थी। इसके बाद शैक्षिक सत्र 2019-20 में कॉलेजों में क्रेट के जरिए पीएचडी में प्रवेश लिए गए। इविवि में नान-नेट शोधार्थियों को प्रतिमाह फेलोशिप मिलती है। लेकिन नॉन-नेट पीएचडी में प्रवेश लेने वाले कालेजों के छात्रों को फेलोशिप से वंचित होना पड़ रहा था। फेलोशिप के लिए शोधार्थी एवं कॉलेजों ने इविवि प्रशासन से मांग की थी। इस पर डीन सीडीसी प्रो. पंकज कुमार ने कवायद शुरू की थी। उधर यूजीसी की ओर से पत्र जारी कर कॉलेज के नॉन-नेट शोधार्थियों को फेलोशिप देने पर रोक लगा दी गई है। पीआरओ डॉ. जया कपूर ने कहा कि विश्वविद्यालय यूजीसी के निर्देशों का पालन करेगा।
शोधार्थियों ने जाना थीसिस लिखने का उपाय
इविवि के वाणिज्य विभाग में शुक्रवार को शैक्षिक सत्र 2020-21 और 2021-22 में नव प्रवेशित शोध छात्रों के लिए प्रीपीएचडी कोर्स आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि प्रो. एमएम कृष्ण ने थीसिस लिखने की समस्याओं एवं चुनौतियों के बारे में बताया। प्रो. कृष्ण, डीन कॉमर्स प्रो. पीके घोष, विभागाध्यक्ष प्रो. एके मालवीय ने शोध पाठ्यक्रम का अनावरण किया। डॉ. एसी पांडेय, डॉ. अंविता रघुवंशी आदि रहे।