
प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी, कम्प्यूटर सहायक भर्ती 2021 के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। रजिस्ट्रार जनरल को आठ अप्रैल तक चयनित अभ्यर्थियों को इस आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया है ताकि कोई चाहे तो याचिका में अपना पक्ष रख सके। साथ ही हाईकोर्ट प्रशासन से एक सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने राबिन सिंह व 38 अन्य सहित एक दर्जन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों को भर्ती परीक्षा के द्वितीय भाग कम्प्यूटर आधारित टाइप टेस्ट के दिए गए अंकों व स्पीड को लेकर आपत्ति है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार यह नहीं बता सकी कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जिसे यूपीपीसीएल ने ब्लैक लिस्टेड किया है, महानिबंधक ने भर्ती में उसकी सहायता क्यों ली।
याचिकाओं में 17 अगस्त 2021 को महानिबंधक की ओर से जारी भर्ती विज्ञापन के तहत टाइप टेस्ट में अंक देने में पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया है। कहा गया है कि निर्धारित न्यूनतम अर्हता अंक 25 पाने के बावजूद याचियों का चयन नहीं किया गया। 20 मिनट में 500 शब्द बिना गलती के प्रति मिनट 25 शब्द की रफ्तार से टाइप करना न्यूनतम अर्हता थी। यदि 15 मिनट में 400 शब्द टाइप करने वाला 25 शब्द प्रति मिनट की रफ्तार से टाइप करेगा तो वह भी न्यूनतम अंक अर्जित कर लेगा। 50 में से 25 अंक लाने थे। याचियों का कहना है कि उन्होंने 25 अंक अर्जित किए हैं लेकिन उनका चयन नहीं किया गया। यह चयन प्रक्रिया का दोष है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याची प्रथमदृष्टया अंतरिम राहत पाने के हकदार हैं।