नई दिल्ली
CBSE Board Exam 2022: दिल्ली एनसीआर में कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं. जबकि दिल्ली के स्कूलों को पूरी तरह से फिजिकल मोड में कक्षाएं शुरू हो चुकी है। लेकिन स्कूल खुलने के कुछ दिनों बाद स्कूलों में कोविड के मामले बढ़ने पर स्कूल प्रशासन और माता पिता छात्रों को लेकर परेशान हैं। एक वेबसाइट के अनुसार, प्रीत विहार की रहने वाली धन्या गुप्ता इस साल अपनी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगी। उनके पिता विनीत गुप्ता का कहना है कि उनकी बेटी के स्कूल में कोविड-19 सुरक्षा से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
हालांकि, जिस तरह से अलग-अलग स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, उन्हें चिंता है कि क्या स्कूल में उन्हीं प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा जहां उनकी बेटी बोर्ड परीक्षा में बैठेगी। ऐसे में वह चाहते हैं कि उनकी बेटी की परीक्षा होम सेंटर यानी उसी स्कूल में हो जहां उनकी बेटी पढ़ती है।
छात्र- पैरेंट्स चाहते हैं होम सेंटर
धन्या गुप्ता की तरह, मानवी रस्तोगी की भी इस साल कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा है। मानवी चाहती है कि उनकी परीक्षा उसके होम सेंटर में हो क्योंकि उनका मानना है कि अपने स्कूल में शिक्षकों के साथ एक सॉफ्ट कॉर्नर है और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। वह कहती हैं कि उनके स्कूलों की तरह की सफाई व्यवस्था अन्य स्कूलों में मौजूद नहीं हो सकती है, इसलिए उनकी बोर्ड परीक्षा उनके होम सेंटर पर होनी चाहिए।
डबल वैक्सीनेशन के बाद भी चिंता
राजेंद्र अरोड़ा, जिनके बेटे इस साल अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं होम सेंटर में होनी चाहिए जैसे कि प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी। राजेंद्र सिंह ने आगे कहा कि भले ही उनके बेटे को दो बार टीका लगाया गया हो, लेकिन उन्हें डर है कि अगर उनका बेटा कोविड -19 से संक्रमित हो जाता है, तो उसका पूरा परिवार भी संक्रमित हो सकता है।
स्कूल प्रशासन का स्टैंड
स्कूल प्रशासन ने कहा है कि वे भी किसी बच्चे के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहते। विद्या बाल भवन स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि CBSE पहले ही बोर्ड परीक्षा के लिए विभिन्न केंद्रों के संबंध में एक सर्कुलर जारी कर चुका है, लेकिन सर्कुलर जारी होने के बाद से कोविड -19 की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में शायद यह बच्चों और अभिभावकों के साथ-साथ स्कूलों के लिए भी बेहतर होगा यदि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को उनके होम सेंटर में उपस्थित होने की अनुमति दी जाए, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।