प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव तकनीकी शिक्षा बोर्ड और डीएम जौनपुर को राम लखन सिंह शिक्षण संस्थान बदलापुर में शांतिपूर्ण तरीके से फार्मेसी डिप्लोमा परीक्षा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्थानीय विधायक रमेश चंद्र मिश्र की शिकायत पर बिना नोटिस दिए याची का परीक्षा केंद्र निरस्त करने के सचिव के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार व बोर्ड से इस मामले में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने राम लखन सिंह शिक्षण संस्थान की याचिका पर अधिवक्ता सौरभ वसु को सुनकर दिया है। याचिका में कहा गया कि स्थानीय विधायक ने 25 जून 2022 को तकनीकी शिक्षा मंत्री से शिकायत की कि विद्यालय की मान्यता फर्जी तरीके से प्राप्त की गई है। मंत्री ने मुख्य सचिव को जांच कराने का निर्देश दिया। जिस पर डीएम जौनपुर को जांच करने का आदेश दिया गया। डीएम, एडीएम वित्त एवं राजस्व जौनपुर व एसडीएम बदलापुर ने 27 जून को रिपोर्ट दी। संस्था को कारण बताओ नोटिस नहीं दिया गया। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि जांच चल रही है। फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त करने के आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव ने ऑनलाइन बैठक कर 28 जून के आदेश से याची का परीक्षा केंद्र निरस्त कर चार अन्य कॉलेजों को दे दिया। याचिका में कहा गया है कि संस्था को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। उत्तर पुस्तिका व प्रवेश पत्र भी आ गए थे। अचानक बिना ठोस आधार के विधायक के हस्तक्षेप पर परीक्षा केंद्र निरस्त करना गैर कानूनी है। ऐसा करके नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लघंन किया गया है। कोर्ट ने कहा कि याची को ब्लैक लिस्ट करना तथ्य का प्रश्न है, न कि कानूनी। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, केवल शिकायत पर केंद्र निरस्त करना सही नहीं है। विधायक की शिकायत पर तीन दिन में बिना जांच किए केंद्र निरस्त करना सही नहीं है। संस्था को कारण बताओ नोटिस दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतरिम आदेश चल रही जांच में बाधा नहीं होगा। जांच पूरी की जाए।