नई दिल्ली
शिक्षा मंत्रालय ने ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाली विभिन्न कंपनियों (एड-टेक कंपनी) की सेवाएं लेने वाले अभिभावकों और छात्रों को सतर्क किया है। सरकार ने इस संबंध में एक विस्तृत एडवाइजारी जारी है। अभिभावकों और छात्रों से कहा गया है कि वे इन कंपनियों को फीस का भुगतान करते समय सावधानी बरतें। एडवाइजरी में उन्हें सदस्यता शुल्क के भुगतान के लिए ऑटो डेबिट (निर्धारित समय पर खुद ही राशि का खाते से कटना) विकल्प का उपयोग करने से बचने के लिए कहा गया है।
गौरतबल है कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के चलन के बढ़ने के बाद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कोचिंग, ट्यूशन सहित शिक्षा से जुड़ी विभिन्न सेवाएं देने वाली कंपनियों की बाढ़ आई हुई है। सरकार को शिकायत मिली है कि इनमें से बहुत सी कंपनियां लोगों को ठग रही हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ एड-टेक कंपनियां अभिभावकों को मुफ्त सेवाएं देने की आड़ में लुभा रही हैं और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (ईएफटी) दस्तावेज पर हस्ताक्षर करा रही हैं या ऑटो-डेबिट सुविधा को सक्रिय करवा रही हैं।
मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा में प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रभाव को देखते हुए कई एड-टेक कंपनियां, ऑनलाइन तरीके से पाठ्यक्रम, शिक्षा संबंधी सामग्री, प्रतियोगी और अन्य परीक्षाओं के लिए कोचिंग की पेशकश शुरू की है।मंत्रालय ने कहा कि अभिभावकों, छात्रों और स्कूली शिक्षा के सभी हितधारकों को ऐसी कंपनियों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन सामग्री और कोचिंग का चयन करते समय सावधान रहना होगा।