अलविदा 2021: ऑनलाइन-ऑफलाइन पढ़ाई में उलझे रहे विद्यार्थी, स्नातक और पीजी की परीक्षाओं में हुई देरी

पटना

वर्ष 2021 में बच्चों की पढ़ाई पर कोरोना का असर रहा। जहां बच्चे ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं में उलझे रहे, वहीं जूनियर कक्षाएं तो पूरे साल भर बंद रही। पहली कक्षा के बच्चे भी ऑनलाइन परीक्षा देना सीख गए। सीनियर कक्षाएं तो अक्टूबर में खुलीं, लेकिन शुरुआत में 50 फीसदी बच्चों को ही बुलाया जा रहा था। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण के कारण सीबीएसई और आईसीएसई ने भी दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का पैटर्न बदल दिया। दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दो भाग में लिये जाने का निर्णय लिया गया। 2021 में भी सीबीएसई, आईसीएसई दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा प्रभावित हुई, जहां 2020 में औसत अंक देकर रिजल्ट जारी किया गया। वहीं 2021 में परीक्षा नहीं ली जा सकी। ऐसे में बोर्ड द्वारा पिछले तीन सालों के रिजल्ट के आधार पर दसवीं और 12वीं का रिजल्ट जारी किया गया था। कोरोना संक्रमण का असर आवासीय विद्यालय पर भी हुआ। एक तो सालभर स्कूल बंद रहे। वहीं इस बार छठी कक्षा में नामांकन के लिए आवेदन भी कम आए हैं।

स्नातक और पीजी की परीक्षाओं में हुई देरी
पिछले साल पीयू, पाटलिपुत्र विवि, मगध विवि आदि की परीक्षाएं प्रभावित रहीं। स्नातक के हर सेमेस्टर की परीक्षा देरी से हुई। पीजी परीक्षा भी प्रभावित रही। कोई खेल गतिविधि नहीं हुई। अप्रैल में कोरोना संक्रमण बढ़ने का असर नीट और जेईई प्रवेश परीक्षा पर भी हुआ। जहां बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट सितंबर में जारी हुआ। वहीं, उसके बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा ली जा सकी। परीक्षा के पहले कोरोना गाइडलाइन जारी की गयी। इसका रिजल्ट अक्टूबर में जारी हुआ। अभी तक इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया चल रही है।

खुलने के बाद भी 80 बच्चे नहीं आए स्कूल
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद भी कोरोना का डर बच्चों और अभिभावकों में रहा। स्कूल तो अक्टूबर में खुले लेकिन अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। खासकर सरकारी स्कूल में 80 फीसदी बच्चे अनुपस्थिति रहे। ऐसे में सरकारी स्कूल की पढ़ाई चरमराई रही। इसका असर अगले साल होने वाले वार्षिक परीक्षा पर भी दिखेगा। कोरोना संक्रमण के कारण राज्य सरकार द्वारा 2021 की वार्षिक परीक्षा नहीं ली गयी।

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