देहरादून
पुलिस विभाग में दरोगा और कांस्टेबलों के 1718 पदों के लिए निकली भर्ती में खेल कोटा लागू नहीं होगा। दरअसल उत्तराखंड में नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था वर्ष 2011 में ही खत्म हो चुकी है। हालांकि राज्य की नई खेल नीति के अनुसार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को विभागों में सीधे नौकरी दी जाएगी पर सरकार ने इसके लिए नियम और शर्तें तय नहीं की हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1521 और दरोगा के 197 पदों पर भर्ती करनी है। इसमें सरकारी नियम के अनुसार आरक्षण रोस्टर का पालन होना है। राज्य में हाईकोर्ट के आदेशानुसार वर्ष 2011 में खेल कोटा खत्म किया जा चुका है। इसके चलते राज्य के खेल संघों की ओर से पुलिस भर्ती में वर्ष 2011 से पहले की तरह खिलाड़ियों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की मांग पूरी नहीं होगी।
हालांकि हाल ही में सरकार ने विभागों में होने वाली विभिन्न भर्तियों में पदक विजेता खिलाड़ियों को आरक्षण देने का प्रावधान किया है। इसके तहत ओलंपिक या अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्द्धाओं में भाग लेने वालों को इंस्पेक्टर और इसी स्तर पर मेडल जीतने वालों को सीधे डिप्टी एसपी पद पर तैनाती दी जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वालों को सिपाही भर्ती करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन सरकार से इस संबंध में स्पष्ट नियम व शर्तें नहीं भेजी हैं जिससे पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी की राह नहीं खुल पा रही है। इसके चलते ही राज्य में तमाम खेलों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी, सेना व अर्द्धसैनिक बलों में जा रहे हैं। अगर खिलाड़ियों को राज्य में नौकरी मिलेगी तो वह खेलों में भी उत्तराखंड का नाम रोशन करेंगे।