रांची
झारखंड में पहली से 12वीं तक के स्कूल फरवरी से खुलेंगे। अब तक चार घंटे पढ़ाई की बाध्यता भी खत्म की जाएगी और कोरोना काल के पहले की समय सारिणी लागू की जाएगी। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इसका प्रस्ताव जल्द आपदा प्रबंधन विभाग को देगा। आपदा प्रबंधन विभाग की अगली बैठक में इस पर फैसला होगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शनिवार को आपदा प्रबंधन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें स्कूल खोलने पर निर्णय होना था, पर तकनीकी समस्या की वजह से विस्तार से बैठक नहीं हो सकी।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो व शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा शनिवार की दोपहर साथ बैठे। बैठक के बाद शिक्षा सचिव ने कहा कि कोरोना के मामलों में सुधार को देखते हुए स्कूलों को सामान्य स्थिति में लाना है। स्कूल के सारे क्लास (पहली से 12वीं) को खोलने का प्रस्ताव देंगे। उन्होंने कहा कि यह भी प्रस्ताव दिया जाएगा कि स्कूल में चार घंटे की पढ़ाई की सीमा खत्म की जाए और स्कूल अपने तय समय पर चलें।
17 मार्च 2020 से ही बंद हैं पहली से 5वीं तक के स्कूल
राज्य के पहली से पांचवीं के स्कूल 17 मार्च 2020 से ही बंद हैं। 2020 में 21 दिसंबर से 10वीं और 12वीं के बच्चों को स्कूल बुलाया गया। एक मार्च 2021 से आठवीं, नौवीं और 11वीं के छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी गई। दूसरी लहर कम होने के बाद पांच अगस्त से नौवीं से 12वीं और 24 सितंबर से छठी तक की कक्षा स्कूलों में शुरू की गई। तीसरी लहर के बाद तीन जनवरी से फिर स्कूल बंद हैं।
पहली से 12वीं के बच्चों को स्कूलों में बुलाकर पढ़ाने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग को दिया जाएगा। चार घंटे समय की बाध्यता को खत्म कर स्कूलों के सामान्य रूप से संचालन की भी अनुमति मांगी जाएगी। आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में स्कूल खोलने पर अंतिम निर्णय होगा। -राजेश कुमार शर्मा, शिक्षा सचिव