नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने गोपनीय, लिपिक व लेखा में उप निरीक्षक व सहायक उप निरीक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा जारी किए जा रहे फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर सतर्क किया है। भर्ती बोर्ड ने कहा है कि अगर किसी अभ्यर्थी का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है तो न सिर्फ अभ्यर्थी की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी बल्कि उस अभ्यर्थी व संस्थान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी जाएगी। गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2022 को गोपनीय, लिपिक व लेखा में उप निरीक्षक व सहायक उप निरीक्षक के 1329 पदों पर भर्ती के लिए कराई गई लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। परीक्षा में कुल 38686 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से 5080 अभ्यर्थियों को अभिलेखों की जांच एवं शारीरिक मानक परीक्षण के लिए बुलाया जाएगा।
भर्ती बोर्ड ने नोटिस में लिखा- 'विज्ञापन के अनुसार पदों के सापेक्ष आवेदन के लिए भारत में विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय उपाधि या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष अर्हता के साथ भारत सरकार के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नीलिट सोसायटी) (पूर्व में डोएक) से कंप्यूटर में ओ लेवल की परीक्षा पास करना या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अर्हता धारित करना जरूरी है।'
'ऐसी शिकायतें मिली हैं कि यूपी में कुछ संस्थान (मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले) व कतिपय अन्य संस्थान जो मान्यता प्राप्त नहीं है, इन पदों के लिए फर्जी प्रमाण पत्र /डिग्री/ डिप्लोमा जारी कर रहे हैं। अत: अभ्यर्थियों को सतर्क किया है कि विधि द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से इतर यदि किसी अभ्यर्थी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो उस अभ्यर्थी का इस भर्ती के लिए अभ्यर्थन निरस्त किए जाने की कार्यवाही की जाएगी तथा अभ्यर्थी व संस्थान के विरुद्ध प्रभावनी कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।'