अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दे सकते हैं यह आसान भाषण

नई दिल्ली
हर वर्ष 8 मार्च का दिन दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है। इस दिन को महिलाओं की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक तमाम उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही उन्हें यह ऐहसास कराया जाता है कि वह हमारे लिए कितनी खास हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले 1909 में मनाया गया था। इसे आधिकारिक मान्यता तब दी गई जब 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने थीम के साथ इसे मनाना शुरू किया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं व उनकी उपलब्धियों के प्रति सम्मान प्रक्रट कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही भेदभाव मिटाकर समानता के बीच उनके अधिकारों की बात की जाती है। स्कूल व कॉलेजों में कई तरह के कार्यक्रम भी होते हैं। यहां पढ़ें एक छोटा सा भाषण, जो आप महिला दिवस के दिन देकर इनाम जीत सकते हैं।
 
 आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। हर साल दुनिया भर में यह दिन 8 मार्च को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं को समर्पित है। आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल हर क्षेत्र महिलाओं की उपलब्धियों से भरा हुआ है। ये दिन इन्हीं उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है। इसके अलावा इन दिन का मकसद महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरुकता फैलाना भी है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके और वह पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

साथियों! आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं। हर क्षेत्र में वह मिसाल कायम कर रही हैं। लेकिन कई बार उन्हें समाज में लैंगिक असमानता का व्यवहार झेलना पड़ता है। ऐसे में इस दिन महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले अमेरिका में 1909 में मनाया गया था। तब करीब 15000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग के अधिकार, काम के घंटे कम करने व बेहतर वेतन की मांग को लेकर आंदोलन किया था। 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने थीम के साथ इसे मनाना शुरू किया। इस बार की थीम है – जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है।

यह बात सही है कि महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। लेकिन यह भी कटु सत्य है कि आज भी कई जगहों पर उन्हें लैंगिक असमानता, भेदभाव झेलना पड़ता है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले आज भी आते हैं। महिला के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हमारा यह कत्तर्व्य है हम महिलाओं की स्थिति समाज में बेहतर बनाने को लेकर प्रयासरत रहने का संकल्प लें। 

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