सोलहवें हफ्ते में पहली बार महसूस होती है शिशु की हलचल

गर्भावस्था के सोलहवें सप्ताह में आपको गर्भस्थ शिशु की हलचल महसूस होनी शुरू हो जाएगी, इसे स्पन्दन कहते हैं। स्पन्दन की क्रिया 16वें से 20वें हफ्ते के बीच होती है। आप इस क्रिया को छठें या सातवें महीने तक महसूस कर सकती हैं।

पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को स्पन्दन के बारे में समझने में समय लगता है। सोलहवें हफ्ते में चिकित्सक आपको कुछ प्रसव पूर्व परीक्षण कराने के बारे में कह सकते हैं। इस तरह की जांच से शिशु में आनुवंशिक समस्याओं या असामान्यताएं की जांच होगी। सोलहवें हफ्ते में, प्रतिरक्षा प्रणाली गर्भावस्था की वजह से कमजोर हो जाती है। फ्लू और सर्दी की तरह आम बीमारियों के लिए चिकित्सक की बताई बातों को मानें। आपको ऐसे संभावित स्थान से दूर रहना चाहिए, जहां आपको चेचक या रूबेला पकडऩे का खतरा हो सकता है।

डॉक्टर आपको एएफपी, ट्रिपल परीक्षण या एमनिओसेनटेसिस जैसे परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। इन परीक्षणों से चिकित्सक बच्चे का विकास किस गति से चल रहा है इसका पता लगा सकते हैं। आप डॉक्टर से किसी भी जन्म के पूर्व वर्गों के बारे में पूंछ सकती हैं, जिसमें आप हिस्सा ले सकती हैं। इससे आप अपने अन्य गर्भावस्था के हफ्ते के बारे में साथ ही प्रसव के दौरान क्या होता है, इसके बारे में अधिक जान सकती हैं।

शिशु का विकास

शरीर में परिवर्तन
गर्भावस्था का सोलहवां हफ्ता अहम सप्ताह है। इस सप्ताह में डॉक्टर डाउन सिंड्रोम या स्पायना बायफिडा के लिए एएफपी नामक परीक्षण कर सकते हैं। इसके लिए आपका एक रक्त परीक्षण होता है, इससे बच्चे को कोई भी खतरा नहीं है। सात दिन या उससे भी कम समय में आपको जांच के परिणाम मिल सकते हैं। दूध ग्रंथियों ने स्तनों में दूध का उत्पादन शुरू कर दिया है, ऐसा आपको महसूस होगा। स्तनों में खून के परिसंचारण के कारण स्तन की नसें स्पष्ट रुप से दिखाई देंगी। बच्चे का विकास जारी है, इसलिए आपको दर्द महसूस होगा। इस दौरान पीठ दर्द की शिकायत आम बात है। आराम करने से दर्द में राहत मिलती है। पेट का हर हफ्ते विस्तार होगा। आपको पीठ पर सोने की बजाय करवट लेकर सोना चाहिए। तकिया के प्रयोग से आपको सहज लगेगा। यह आपके पेट का तनाव और दबाव भी दूर करेंगे।

क्या उम्मीद की जाती है
अब आपको आपको पहले की तुलना में सुबह के समय होने वाली बीमारी काफी कम हो गई है। आपका गर्भावस्था के प्रति समायोजन करने का समय खत्म हो सकता है, और आप गर्भावस्था से परिचित हो चुकी हैं। आपको बच्चे कि गर्भाश्य में होने वाली गतिविधि का अनुभव स्पन्दन शुरु हो सकता है। जैसे-जैसे महीने आगे बढ़ेंगे ये अनुभव और अधिक महसूस होना शुरु होगा। जब स्पंदन शुरू होता है, तो आपको शुरूआत में यह भी पता नहीं चल पाता कि यह बच्चे की गतिविधि है। बच्चे कि गतिविधि में समय के साथ वृद्धि होगी। आपका वजन बढ़ाना जारी रहेगा, लेकिन इसे नियंत्रण में रखने की कोशिश बनाए रखें। फल और सब्जियों का ज्यादा सेवन करें। यदि आपके मन में आहार योजना या एएफपी परीक्षण के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो डॉक्र से पूंछने का यही समय है।

सुझाव
सोलहवां हफ्ते का समय काफी अहम है। यदि आपका किसी भी प्रकार का आनुवांशिक इतिहास है, तो उसके बारे में चिकित्सक से बात करें। यह परीक्षण गर्भावस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। किसी भी प्रकार के डर और चिंता की बात अपने साथी और अपने चिकित्सक से जरूर करे। गर्भ में पल रहे शिशु के लिए तनाव अच्छा नहीं होता। डॉक्टर के पास अपांइटमेंट पर जाना जारी रखे। आपको सोनोग्राम और दिल की धड़कन सुनने का हर बार आनंद लेना चाहिए। बच्चे के विकास को देखना काफी अच्छा अनुभव होता है। दिल की धड़कन दुनिया में सबसे अच्छी आवाज है। जब भी संभव हो, आप ही नहीं बल्कि बच्चे के पिता भी इसका आनंद ले सकते हैं।