1. रोजाना दो बार ब्रश करना
दिन में दो बार ब्रश करना ओरल हाइजीन के लिए महत्वपूर्ण है। टूथब्रश हमेशा मुलायम और सपाट होना चाहिए। उनकी बनावट भी सरल होनी चाहिए।गम लाइन पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ब्रश की पट्टी से मसूड़ों को चोट लगने की संभावना बनी रहती है। दांतों की सतह को सड़न से बचाने में मदद के लिए फ्लोराइड टूथपेस्ट का प्रयोग करना चाहिए।
2. फ्लॉस या इंटरडेंटल ब्रश का इस्तेमाल
टूथब्रश के विज्ञापन दावा करते हैं कि उनका टूथब्रश दांतों के बीच की सफाई अच्छी तरह कर पाएगा। इसके बावजूद फ्लॉस या इंटरडेंटल ब्रश का इस्तेमाल दांतों के बीच की सफाई के लिए जरूर करना चाहिए। क्योंकि इनकी बनावट ख़ास होती है। सांसों की बदबू, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी को रोकने के लिए दांतों के बीच फ्लॉस या इंटरडेंटल ब्रश का इस्तेमाल करना जरूरी है। ताकि ये गंदगी पेट तक न जाए।
3. बार-बार स्नैकिंग से बचें
सही तरीके से मुंह की सफाई नहीं करने पर कई क्रोनिक डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है।इसलिए दांतों को साफ रखना जरूरी है। दिन में तीन बार भोजन के अलावा हम दिन भर कुछ न कुछ चबाते रहते हैं। इससे हमारे दांत प्रभावित होते हैं। स्नैकिंग के कारण मुंह में प्लाक एसिड को बढ़ावा मिल जाता है। इससे दांतों की सतह सड़ने के लिए बहुत संवेदनशील बन जाती हैं। हर एसिड अटैक के बाद दांतों का रिकवरी पीरियड होना जरूरी है। दांतों में चिपकने वाले पदार्थों की बजाए ऐसी चीजों का सेवन करें, जो दांतों पर चिपके नहीं।
4. अपने टूथब्रश को नियमित रूप से बदलें
किसी भी उत्पाद की तरह टूथब्रश भी समय के साथ पुराने पड़ने लगते हैं। ब्रिसल्स अपना आकार खोने लगते हैं और कड़े होने लगते हैं।हर तीन महीने में इसे बदल लेना उचित है। इसलिए कपड़े या दूसरे सामान की तरह टूथ ब्रश भी बदलें। इससे ये बेहतर तरीके से आपके दांतों की सफाई कर पाएंगे।
5. अपने डेंटिस्ट के पास नियमित रूप से जाएं
डेंटल चेकअप और सफाई के लिए नियमित रूप से अपने डेंटिस्ट और हाइजीनिस्ट से मिलना महत्वपूर्ण है। दांतों के एक्सपर्ट ऐसे किसी भी दांत की पहचान कर सकते हैं, जिनमें कोई भी समस्या नजर आ रही है। जरूरत के हिसाब से वह दांत का उपचार कर सकते हैं। डेंटिस्ट या हाइजीनिस्ट दांतों की सफाई करेगा और जरूरी सलाह भी देगा कि दिन भर मुंह और दांतों की सफाई और देखभाल किस तरह की जा सकती है।