शहद और घी दोनों को आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इतना ही नहीं यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे हैं। लेकिन फिर शहद और घी का मिश्रण बनाने से यह जहरीला क्यों बन जाता है। आयुर्वेदिक किताब चरक संहिता के अनुसार, शहद और घी का बराबर मिश्रण स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। वैसे तो शहद एक मीठा और चिपचिपा पदार्थ है, जो मधुमक्खियों से मिलता है।
शहद को अकेले लिया जाए, तो यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। शहद हमारे शरीर में हीटिंग एजेंट का काम करता है। शहद के साथ लेने पर कुछ संयोजन स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे संयोजन हैं, जो शहद के साथ लेने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। बता दें कि शहद औषधीय गुणों से भरपूर है, लेकिन अगर इसे गलत संयोजन में मिला दिया जाए, तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि शहद और घी मिलाना कैसे जहरीला हो जाता है।
शहद और घी का मिश्रण क्यों जहरीला
प्राचीन भारतीय ज्ञान कहता है कि शहद और घी का संयोजन विषैला यानी जहरीला होता है। शहद एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है, जो 35-40 प्रतिशत फ्रुक्टोज और 25-35 प्रतिशत ग्लूकोज और सुक्रोज व माल्टोज से भरपूर होता है। शहद में कुछ ऐसे मिनरल्स भी होते हैं, जो अन्य मीठी चीजों में नहीं पाए जाते। इसके अलावा इसमें क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक बैक्टीरिया होता है।
दूध बैक्टीरिया को पनपने का सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है, इसलिाए जब शहद को दूध या दूध से बने उत्पादों में मिलाया जाता है, तो यह बैक्टीरिया कई गुना बढ़ जाते हैं और कुछ विषाक्त पदार्थ पैदा करते हैं, जिससे सांस संबंधी समस्याएं, पेट दर्द यहां तक की कैंसर भी हो सकता है। कुल मिलाकर शहद और घी का संयोजन स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।
पंचामृत में घी और शहद
आपको आश्चर्य होगा कि अगर घी और शहद को मिलाकर जहर बनता है, तो पंचामृत बनाते समय इसका उपयोग क्यों किया जाता है। दरअसल, पंचामृत पांच पदार्थों से मिलकर बनता है, जिसका उपयोग पूजा के दौरान अभिषेक करने के लिए किया जाता है।
बाद में इसे प्रसाद के रूप में परोसते भी हैं। इसे बनाने में आमतौर से दूध, दही, शहद, घी और चीनी का इस्तेमाल होता है। पंचामृत के जहरीले न होने का कारण यह है कि घी और शहद को समान अनुपात में नहीं मिलाया जाता । इसके अलावा पंचामृत को प्रसाद के रूप में बांटते हैं, इसलिए इसका सेवन बहुत कम मात्रा में होता है। आमतौर पर बस एक 1 चम्मच लिया जाता है, जिससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।
हो सकती हैं ये समस्याएं
आयुर्वेद में कहा गया है कि घी और शहद का बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से शरीर के लिए हानिकारक आहार बन जाता है। जिससे त्वचा रोग, फोड़े, पाचन रोग, बुखार, पाइल्स और यूरेनरी डिसऑर्डर जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
घी के फायदे
घी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। यह दूध, प्रोटीन, ओमेगा-3 फटी एसिड, हेल्दी फेट, विटामिन ए और ब्यूटीरिक एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है। यह सभी पोषक तत्व हमारे समग्र स्वाथ्य को बढ़ावा देने के लिए बहुत जरूरी हैं। दाल, करी, सब्जी यहां तक की खिचड़ी में सिर्फ एक चम्मच देसी घी मिलाने से इनका स्वाद बढ़ जाता है।
डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद घी
आप शायद न जानते हों, लेकिन चावल और रोटी में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने के लिए एक चम्मच घी को मिलाना अच्छा तरीका है। बता दें कि घी न केवल डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह नेचुऱल लेक्सेटिव के रूप में भी काम करता है। जिससे कब्ज की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाती है।
शहद के फायदे
शहद प्राचीनकाल से ही अपने औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है। गले की खराश और खांसी को ठीक करने से लेकर मिठाइयों और पेय पदार्थों को प्राकृतिक रूप से मीठा करने तक शहद हमें कई तरह से फायदा पहुंचाता है। यहां तक की अपने एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण अलग-अलग मेडिकल रिसर्च में भी शहद के फायदों पर चर्चा की गई है। नींबू पानी में मिलाकर वजन घटाने के लिए खाली पेट इसका सेवन किया जा सकता है। गले की खराश को ठीक करने के लिए काली मिर्च और अदरक के साथ मिलाकर इसे लिया जा सकता है।
शहद और घी दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं, लेकिन ये ध्यान रखने वाली बात है कि आप इसे कैसे ले रहे हैं। बराबर मात्रा में इन दोनों को लेना नुकसानदायक है, इसलिए ऐसा करने से बचें और सीमित मात्रा में इनका सेवन करके भरपूर लाभ लें।