बच्चों के दांतों का बहुत ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि उनमें कीड़ा लगने का डर ज्यादा रहता है। आप भले ही बच्चे को कैंडी और मीठी चीजें कम खाने को दें, लेकिन फिर भी उसके दांतों में कीड़ा लग ही जाता है। अगर आप बच्चे के दांतों और मुंह की सफाई को ठीक तरह से समझ लें, तो उसके दांतों में कीड़ा लगने से रोका जा सकता है। बच्चों को 3 से 5 साल की उम्र में कीड़े लगने की प्रॉब्लम ज्यादा देखी जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि बड़े बच्चों या वयस्कों की तुलना में 3 से 5 साल के बच्चों के दांतों में ही कीड़ा क्यों लगता है?
दूध के होते हैं दांत
दूध के दांतों का एनेमल पतला और नरम होता है। इन पर कैविटी बन सकता है। इससे दूध के दांतों पर कैविटी बनने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दूध के दांतों में कैविटी बनने पर, यह बड़े होने पर भी परेशान कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप दांतों की खास देखभाल करें। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि 3 से 5 साल के बच्चों के दांतों में कीड़ा लगने के क्या कारण हैं और आप अपने बच्चे के दांतों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।
कितना खाते हैं मीठा
दिनभर मीठी चीजें खाने से ज्यादा खराब होता है उतनी ही मात्रा में मीठा एक बार में खा लेना। वहीं जब आप खाने के तुरंत बाद मीठा खाते हैं तो वो ज्यादा नुकसानदायक होता है। स्टार्च और शुगर वाले फूड बच्चे के मुंह में लंबे समय तक रहते हैं और कैंडी या टॉफी जैसी सख्त चीजें बच्चे के दांतों के लिए ज्यादा हानिकारक होती हैं क्योंकि ये आसानी से निकलती नहीं हैं।
दांतों को कीड़ा लगने से कैसे बचाएं
बच्चों को शुरुआत से ही दांतों को साफ रखने की आदत डालें। उसे दिन में दो बार किसी अच्छे टूथपेस्ट से ब्रश करवाएं और नियमित फ्लॉसिंग भी करवाएं।
दांत में कीड़ा लगने के संकेत
दांत में कीड़ा लगने पर दर्द हो, जरूरी नहीं है। बच्चे के दांत पर गहरे या सफेद धब्बे, बच्चे का रोना या चिड़चिड़ापन, ठंडी चीज दांतों में लगनी, मुंह से बदबू आना और थकान।
क्या खिलाएं
बच्चे को मीठे स्नैक्स, कैंडी और जूस आदि कम या न खिलाएं। अगर आपका बच्चा इन चीजों को खा भी लेता है, तो उसे इसके बाद कुल्ला करने के लिए कहें या दांतों को ब्रश करवाएं।
खूब पानी पिलाएं
रोज दिनभर खूब पानी पिलाएं। बच्चों के दांतों को कैविटी से बचाने का यह सबसे आसान तरीका है। पानी हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकाल देता है और दांतों पर एसिड बनने से रोकता है।