कोरोना के प्रकोप के बाद से लोग स्वास्थ्य और जीवनशैली को लेकर गंभीर हो गए हैं। और एक बार फिर आयुर्वेद के औषधी और उपायों पर भरोसा कर रहे हैं और इसे अपना भी रहे हैं। ऐसे में सहजन के गुण आपकों कई सारी बीमारियों से छुटकारा पाने का रास्ता दिखला सकता है। इसे बरसों से आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे मुनगा, मोरिंगा और ड्रमस्टिक भी कहते हैं। इसके पत्ते, तना समेत सभी भागों का उपयोग किया जाता है। माना जाता है इसके पत्तों में संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी और केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम पाया जाता है।
आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार ने सहजन से संबंधित तथ्यों को शेयर करते हुए बताया है कि आयुर्वेद में सहजन को पूरे 300 रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे कुछ लोग चमत्कारी पेड़ भी कहते हैं। यह पेड़ सामान्य परेशानी जैसे बाल झड़ने से लेकर अस्थमा और आर्थराइटिस रोगों के लिए फायदेमंद है।
सहजन के गुणों की खान होने के बावजूद डॉक्टर दीक्षा इसे बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के बिना अपने आहार में शामिल करने की सलाह नहीं देती हैं।
सहजन में है कई औषधीय गुण
आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा बताती है कि यह ऑल इन वन हर्ब है। यह पेड़ एक एंटीबायोटिक, एनाल्जेसिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर, एंटीडायबिटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीजिंग के रूप में काम करता है।
विटामिन A, B, C से है भरपूर
विटामिन ए
विटामिन बी 1 (थायमिन)
बी2 (राइबोफ्लेविन), बी3 (नियासिन)
बी-6
फोलेट
एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी), कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जस्ता।
कैसे कर सकते हैं इसका उपयोग
पत्ता – इस पौधे के सभी भाग फायदेमंद होते हैं लेकिन इसके पत्ते सबसे अधिक गुणकारी होते हैं। आप अपने खाना पकाने में ताजा मोरिंगा के पत्तों का उपयोग कर सकते है।
फली- इसकी फली सूप और करी के लिए और इसके सूखे पत्तों के पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा मोरिंगा की फली को उबालकर उसका सूप पीने से गठिया के दर्द से राहत मिलती है।
पाउडर-आप मोरिंगा पाउडर (1 छोटा चम्मच) ले सकते हैं या इसे अपनी रोटी, चीला (पैनकेक), स्मूदी, एनर्जी ड्रिंक, दाल आदि में स्वास्थ्य के उद्देश्य से मिला सकते हैं।
सहजन के ये 10 फायदे बनाते हैं इसे सबसे अलग
यह आपके हीमोग्लोबिन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
लीवर और किडनी को डिटॉक्सीफाई करता है।
रक्त शुद्ध करता है, चर्म रोगों को दूर करता है।
वजन घटाने में मदद करता है।
चयापचय में सुधार करता है।
आपके शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है।
तनाव, चिंता और मिजाज को कम करता है।
थायराइड फंक्शन में सुधार करता है।
माताओं में स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ाता है।
इन लोगों को नहीं करना चाहिए सहजन का सेवन
सहजन की तासीर गर्म होती है, इसलिए ऐसे लोग जिन्हे गर्मी की समस्या (एसिडिटी, ब्लीडिंग, पाइल्स, भारी मासिक धर्म, मुंहासे) होती है, उन्हें इससे बचना चाहिए या सावधानी के साथ इसका सेवन करना चाहिए।