
जामुन (Jamun) मौसमी फल होने के कारण गर्मी के दिनों में कई चौराहों पर बिकते दिख जाता है। इसे जामुन के अलावा जंबुल, ब्लैक प्लम, जावा प्लम, जंबोलन के नाम से भी जाना जाता है। अपने डार्क कलर और खट्टे मीठे स्वाद के वजह से यह फल काफी पंसद किया जाता है। यह फल कई तरह के आयुर्वेदिक गुण के साथ विटामिन्स से भरपुर होता है। जामुन विटामिन A और C का अच्छा स्रोत होता है जो आंखों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ ही जामुन को चमकदार त्वचा और मुंहासों को जड़ से खत्म करने के लिए भी खाया जाता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने जामुन के आयुर्वेदिक गुण के साथ ही इसे खाने के फायदे को साझा किया है। डॉक्टर दीक्षा भावसार सावलिया ने जामुन को आईबीएस, दस्त, मेनोरेजिया (अतिरिक्त रक्तस्राव), ल्यूकोरिया (सफेद पानी आना), मतली और उल्टी की समस्या से परेशान लोगो के लिए इसे अमृत के समान बताया है। इसके गुण इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बनाते हैं।
जामुन के आयुर्वेदिक गुण
रस (स्वाद) –
कषाय (कसैला), मधुरा (मीठा), आंवला (खट्टा)
गुना –
लघु (पचाने के लिए हल्का), रूक्ष (सूखा)
विपका –
कटु (तीखा)
वीर्य (शक्ति) –
शीतला (ठंडा)
त्रिदोष पर प्रभाव –
यह वात बढ़ाता है और कफ व पित्त को संतुलित करता है।
जामुन का ये हिस्सा है फायदेमंद
आयुर्वेद की जानकार डॉ. दीक्षा बताती हैं कि जामुन का केवल फल ही नहीं बल्कि इसके बीज, छाल और पत्तियों का उपयोग विभिन्न गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। जामुन एंटीऑक्सिडेंट का सबसे समृद्ध स्रोत है इसके अलावा इसमें फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
इन बीमारियों में है फायदेमंद
डायबिटीज
हाइपरग्लेसेमिया
खांसी
अस्थमा
ब्रोंकाइटिस
कमजोरी
एनीमिया
यौन कमजोरी
ल्यूकोरिया (सफेद पानी आना)
मानसिक विकार
खाली पेट न खाएं जामुन
आयुर्वेद में जामुन के सेवन से संबंधित कुछ बातों को ध्यान देने की सलाह दी गयी है। डॉ. दीक्षा ने भी अपनी पोस्ट में इसका जिक्र किया है। आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के फल को खाली पेट खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस फल को खाने के कम से कम एक घंटे बाद और पहले तक दूध का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ऐसा नहीं करने से फायदे की जगह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने की संभावना रहती है।
कितनी मात्रा में खाएं : ताजा रस – 10 – 20 मिली