मोलर गर्भधारण बन सकता है समस्या का कारण

मोलर गर्भधारण, गर्भावस्था की एक दुर्लभ समस्या को कहा जाता है। यह समस्या गर्भाधान के दौरान निषेचन में किसी प्रकार की गलती या कमी रह जाने के कारण उत्पन्न होती है, जिस कारण से नाल का निर्माण करने वाली कोशिकाओं में खराबी आ जाती है।

मोलर गर्भधारण मोलर गर्भाधान को कभी-कभी हाइडेटिडिफॉर्म मोल भी कहा जाता है। जो कि गेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक ट्यूमर्स नाम की कई स्थितियों के समूह का एक हिस्सा होता है। सामान्यत: ये हानिकारक नहीं होते हैं। यह गर्भाशय से आगे तक भी फैल सकते हैं। हांलाकि इनका अपचार किया जा सकता है। भ्रूण के विकास में आने वाली समस्या गर्भधारण की दर को कम करने वाली विकृति में मोलर गर्भधारण भी एक है। यह समस्या आमतौर पर गर्भाधान के दौरान निषेचन में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर उत्पन्न होती है। मोलर गर्भाधान हाइडेटिडिफॉर्म मोल के नाम से भी जाना जाता है। सामान्य गर्भावस्था में निषेचित अंडे में पिता और मां दोनों के 23-23 क्रोमोजोम मौजूद होते हैं। लेकिन, एक संपूर्ण मोलर गर्भाधान में निषेचित अंडे में माता का कोई क्रोमोजोम नहीं होता, किंतु पिता के शुक्राणुओं की संख्या दोगुनी हो जाती है। जिस कारण से पिता के क्रोमोजोम की संख्या भी दुगुनी हो जाती है। ऐसा होने पर निषेचित हुए अंडे में माता का एक भी क्रोमोजोम नहीं होता पर पिता के क्रोमोजोम के 2 सेट आ जाते हैं।

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