मूड स्विंग, ज्यादा सोना भी खुदकुशी के लक्षण

कई बार खुदकुशी के बारे में सोच रहे व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव, बातचीत और भावनात्मक लक्षणों से उसके इरादे समझे जा सकते हैं। दुनिया के टॉप मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे लोगों की निगरानी कर उन्हें समय रहते खुदकुशी करने से रोका जा सकता है।

अमेरिका में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में द सुसाइड एंड ट्रॉमा रिडक्शन इनिशिएटिव फॉर वेटरंस के क्लीनिकल डायरेक्टर जस्टिन बेकर का कहना है कि किसी व्यक्ति के खुदकुशी पर विचार करने और लक्षण जाहिर के बीच हमेशा लंबा वक्त नहीं होता। कई बार फासला चंद मिनटों का हो सकता है। लेकिन कई बार हो सकता है कोई शख्स लंबे समय तक आत्महत्या का विचार कर रहा हो। ऐसे व्यक्ति के व्यवहार, बातचीत और भावनात्मक लक्षणों में यह दिखाई दे सकता है।

सामान्य से हटकर व्यवहार
न्यूपोर्ट हेल्थकेयर सेंटर के डायरेक्टर और क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट माइकल रोसके का कहना है कि कुछ लोग आत्महत्या के बारे में सोचते हुए सामान्य से हटकर बर्ताव करने लगते हैं। इसमें खुदकुशी की तैयारी शामिल है। बंदूक, जहरीली दवा या अन्य जानलेवा साधनों में उनकी दिलचस्पी बढ़ जाती है। वे इंटरनेट पर इनके बारे में तलाश शुरू कर देते हैं। प्रिय चीजों को त्यागना, ज्यादा या कम सोना, खुद को अलग-थलग करना भी इसके लक्षणों में हैं।

मूड स्विंग: मूड में तेज बदलाव
अमेरिकी एजेंसी सब्सटेंस अब्यूज एंड मेंटल हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि मूड स्विंग एक और लक्षण है। उदाहरण के लिए, अगर सामान्य रूप से तनाव या अवसाद में रहने वाला अचानक खुश दिखाई देने लगे, इसका मतलब हो सकता है कि उसने खुदकुशी का फैसला कर लिया है, जिससे राहत महसूस कर रहा है। मौत या जानलेवा चीजों को लेकर बहुत ज्यादा जुनून भी आत्महत्या के रुझान को प्रदर्शित करता है।
मानसिक बीमारियों से पीड़ित के मामले में खतरा बढ़ जाता है। रोसके का कहना है कि खुदकुशी के विषय पर बात करने से हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि लोग इस विषय पर बात करें। लेकिन आत्महत्या से राहत मिलने या उसे सही ठहराने को रूमानी तरीके से पेश करना ठीक नहीं है। भारत में 2020 के कोविड दौर में सबसे ज्यादा 1.53 लाख से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की जो 2019 से 10% ज्यादा है। छात्रों में आत्महत्या सबसे ज्यादा 21.20% बढ़ी है। दुनिया में हर साल करीब आठ लाख लोग खुदकुशी करते हैं। रोसके का कहना है कि खुदकुशी या मरने की इच्छा जाहिर करना भी एक चेतावनी है जिसे गंभीरता से लेना चाहिए। इसमें लोगों का जीने का कोई कारण न होना, दूसरों पर खुद को बोझ बताना जैसी बातें हो सकती हैं।