ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बढ़ेगी आपकी इम्युनिटी

हमारे देश में कमजोर इम्यूनिटी युवाओं और वयस्कों दोनों के लिए एक बड़ी समस्या है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ज्यादातर लोगों की खाद्य सामग्रियों में वह पोषक तत्व मौजूद नहीं होते जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सके। इसकी वजह से लोग बहुत जल्दी और बार – बार बीमार पड़ते रहते हैं। आपको बता दें ज्यादातर लोगों में जिन पोषक तत्वों की कमी होती है, बहु कुछ इस प्रकार हैं, विटामिन डी, विटामिन बी12, फोलेट और प्रोटीन आदि।

जब शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो इससे शरीर छोटे – छोटे सूक्ष्मजीवों से लड़ने की भी क्षमता नहीं जुटा पाता और बीमार पड़ने लगता है। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने के लिए कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है जैसे समय पर सोना, हाइड्रेट रहना, स्वस्थ आहार लेना और एक्सरसाइज करना आदि। साथ ही इम्यूनिटी को मजबूती प्रदान करने के लिए कुछ जड़ी बूटियों का भी उपयोग किया जा सकता है। इसके बारे में हमें बता रही हैं एसोसिएट-आर एंड डी, हिमालय वेलनेस कंपनी में सीनियर पर नियुक्त डॉक्टर श्रुति एम हेगड़े। डॉक्टर के मुताबिक कुछ जड़ी बूटियां हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है। इन जड़ी बूटियों को आप दवा के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन 4 इम्यूनिटी बूस्टर के बारे में।

​गुडूची

गुडूची जिसे लोग गिलोय के नाम से भी जानते हैं। आपको बता दें कि गिलोय आयुर्वेद कि सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है। यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने और संक्रमण से लड़ने में आपकी सहायता करती है। इसके अलावा याददाश्त बेहतर करने और उम्र लंबी करने में भी गिलोय को उपयोगी माना जाता है। साथ ही सदियों से इसका उपयोग ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, पुरानी खांसी और अन्य सांस से जुड़ी हुई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

​अश्वगंधा

भारत मध्य पूर्व और दक्षिण अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाई जाने वाली यह जड़ी बूटी गुणों का खजाना है। इतिहास से लेकर अब तक इसका लाभ पुरुषों पर बहुत ज्यादा देखा गया है। इसे देश में जिनसेंग के नाम से भी जाना जाता है। अश्वगंधा का उपयोग हजारों वर्षों से दर्द और सूजन को कम करने में के लिए किया जाता है। यह जड़ी बूटी एक एडाप्टोजेन है जो स्ट्रेस को मैनेज करने और अनिद्रा को दूर करने में मदद करती है।

​तुलसी

तुलसी उन गिनी चुनी जड़ी बूटियों में शुमार है जो न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने के लिए जानी जाती है। बल्कि इसके जरिए रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी कई समस्याओं से भी निजात मिल सकती है। साथ ही दबी हुई खांसी, चिंता, थकान, तनाव से भी राहत दिलाती है। यही नहीं छाती में आए भारीपन और जमाव से भी छुटकारा दिलाने का काम कर सकती है। तुलसी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का भी काम करती है।

​आंवला

भारत में पाए जाने वाली कई जड़ी बूटियों में एक खास जगह रखता हैं आंवला। आपको बता दें कि आंवला के जरिए लिवर, हृदय, मस्तिष्क और फेफड़ों के साथ – साथ कई दूसरे अंगों के कामकाज को भी सुधारा जा सकता है। आंवला के अंदर विटामिन सी, अमीनो एसिड, पेक्टिन जैसे कई पोषक तत्व तो होते ही हैं, साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट एंटी इंफलेमेटरी और हेपेटोप्रोटेक्टि गुण भी होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को लाभ पहुंचाते हैं, और बीमारियों से लड़ने एवं बचाएं रखने में आपकी मदद करते हैं।