जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट व जिला अदालत में पैरवी करने वाले अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ जिला अदालत में परिवाद दायर किया है। इसके जरिये कंगना के उस बयान पर आपत्ति दर्ज कराई गई है, जिसके तहत 1947 में आजादी नहीं बल्कि भीख मिलने और 2014 में सच्ची आजादी मिलने की बात कही गई थी। जिला अधिवक्ता संघ, जबलपुर के पुस्कालय सचिव अधिवक्ता साहू का कहना है कि कंगना ने जो बयान दिया था, वह देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले बलिदानियों के अपमान की परिधि में आता है। लिहाजा, राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। साथ ही मानहानि की कार्रवाई होनी चाहिए। अदालत में परिवाद पेश करने से पूर्व अधारताल टीआइ व एसपी जबलपुर को शिकायत सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई थी। कार्रवाई न होने पर अदालत के जरिये प्रकरण कायम कराने की रास्ता अपनाया गया है।
नाबालिग से मारपीट कर छेड़छाड़ करने के आरोपित को सजा-
विशेष न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग से मारपीट व छेड़छाड़ के आरोपित घमापुर, जबलपुर निवासी अजय चौधरी को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन की ओर से जिला विशेष लोक अभियोजक मनीषा दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि नाबालिग 11 नवंबर 2017 को रात आठ बजे किराना दुकान गई थी। उसके साथ छोटा भाई भी था। जब वे लोग सामान लेकर लौट रहे थे, तभी रास्ते में अजय चौधरी ने दाएं गाल में काट लिया और बुरी नीयत से छेड़छाड़ शुरू कर दी। नाबालिग के चिल्लाने पर लोग एकत्र हो गए। यह देख अजय भाग गया। नाबालिग ने घर पहुंचकर सारी बात बताई। जिसके बाद घमापुर थाने में अपराध दर्ज कराया गया। कुल चार गवाहों के बयान लिए गए। कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद अपराध साबित पाते हुए सजा सुना दी।