बेंगलुरु
कर्नाटक में गोहत्या निषेध अधिनियम लागू होने के बाद से 20,000 से अधिक मवेशियों को बचाया गया है। राज्य के पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून लागू होने के बाद अवैध परिवहन और गायों व प्रतिबंधित जानवरों की हत्या को लेकर 900 से अधिक FIR दर्ज हुई हैं। चौहान ने बताया कि गोहत्या निषेध अधिनियम, पशु कल्याण बोर्ड की स्थापना, पशु हेल्पलाइन केंद्र की स्थापना, 400 पशु चिकित्सकों की भर्ती, 250 पशु निरीक्षकों की भर्ती, गौ माता सहकारी समिति और पुण्यकोटि एडॉप्शन प्रोजेक्ट लागू करने वाला यह पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि हमने बकरीद के दौरान बड़ी संख्या में गाय, बैल और भैंसों को बूचड़खाने जाने से रोका। कई पशु प्रेमी खुश हैं जो राज्य में पिछले वर्षों की तुलना में बकरीद के दौरान 50-60 प्रतिशत गायों को बचाया गया।
15 पशु संजीवनी एम्बुलेंस की सफलता के बाद उठाया कदम
प्रभु चौहान ने कहा कि बेलगावी जिले को जानवरों की सुरक्षा के लिए 19 जुलाई को 82 'पशु संजीवनी' एम्बुलेंस चालू होंगी। यह कदम राज्य में शुरू की गई 15 पशु संजीवनी एम्बुलेंस की सफलता के बाद उठाया गया है। पशुपालन विभाग ने राज्य सरकार के फंड से 15 पशु संजीवनी एम्बुलेंस उस वक्त लॉन्च की, जब बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि हम इस पहल को गाय, बैल, भैंस समेत अन्य जानवरों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के इच्छुक हैं।
19 जुलाई को 82 पशु संजीवनी एम्बुलेंस का उद्घाटन
275 पशु संजीवनी एम्बुलेंस में से कई एम्बुलेंस पहले ही लॉन्च की जा चुकी हैं और किसानों व मवेशियों के लाभ के लिए बेंगलुरु मंडल में उपलब्ध हैं। मंत्री ने कहा कि 19 जुलाई को बेलगावी जिले में 82 पशु संजीवनी एम्बुलेंस का उद्घाटन जिला प्रभारी मंत्री गोविंदा करजोला, वरिष्ठ मंत्रियों, सांसदों और स्थानीय विधायकों की उपस्थिति में किया जाएगा। पशु संजीवनी योजना किसानों और पशुपालकों की सुविधा के लिए पशुओं के संरक्षण, देखभाल और स्वास्थ्य देखभाल के लिए लागू की गई है।