मुंबई
महाराष्ट्र के भांडुप स्थित सावित्रीबाई फुले प्रसूति अस्पताल में 'सेप्टिक शॉक' बीमारी का प्रकोप देखने को मिला है। कथित तौर पर इस खतरनाक बीमारी की वजह से बीते तीन दिनों में 4 शिशुओं ने दम तोड़ दिया। मामले की गंभीरता को समझते हुए शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने तत्काल प्रभाव से चिकित्सा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा की और अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। बता दें कि 'सेप्टिक शॉक' तब होता है जब मरीज का ब्लडप्रेशर किसी संक्रमण के चलते जानलेवा स्तर तक गिर जाता है।
एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि भांडुप के सावित्रीबाई फुले प्रसूति अस्पताल में पिछले तीन दिनों में कथित तौर पर सेप्टिक शॉक के कारण चार शिशुओं की मौत हो गई है। मामले में आगे की जांच की जा रही है। इस बीच बीजेपी ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने अस्पताल का दौरा कर बीएमसी पर सवाल उठाए और जांच की मांग की। अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले ने गुरुवार को राज्य विधानसभा को हिला कर रख दिया।
विपक्ष की आलोचना और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बाद शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने एक चिकित्सा अधिकारी को निलंबित करने और मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा की। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि नागरिक अस्पताल में एनआईसीयू के कामकाज में खामियां थीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने एनआईसीयू के समुचित संचालन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। अन्य सदस्यों ने भी फडणवीस के साथ समर्थन जताया। उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया कि अस्पताल प्रशासन बच्चों की मौत का सही कारण पता लगाने में नाकाम रहा, अब माता-पिता को बताया जा रहा है कि शिशुओं की मृत्यु किसी संक्रमण के कारण हुई थी।