नई दिल्ली
देशभर में वर्ष 2018-19 में सरकारी स्कूलों की संख्या कम हुई है जबकि निजी स्कूलों की संख्या में करीब 3.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। स्कूल शिक्षा विभाग की इकाई यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) प्लस की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों की संख्या 2018-19 में 1,083,678 से गिरकर 2019-20 में 1,032,570 हो गई। यानी देशभर में 51,108 सरकारी स्कूल कम हुए हैं। सबसे अहम बात ये है कि ये आंकड़े कोरोना काल के पहले के हैं।
हालांकि निजी स्कूलों की संख्या इस दौरान बढ़ी है। देशभर में निजी स्कूलों की 325,760 से बढ़कर 337,499 हो गई। यानी प्राइवेट स्कूलों की संख्या में करीब 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले हफ्ते जारी 2020-21 के लिए यूडीआईएसई प्लस की रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों की संख्या में फिर गिरावट देखि गई। सरकारी स्कूलों की संख्या 1,032,570 से गिरकर 1,032,049 हो गई। यानी 521 सरकारी स्कूल फिर कम हुए हैं। हालांकि इसका कारण कोरोना महामारी माना जा रहा है।
एजुकेशन एक्टिविस्ट्स के अनुसार यह जमीनी स्तर पर भी शिक्षा के निजीकरण की प्रवृत्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्कूलों की खराब गुणवत्ता को देखकर बहुत खुश थी, जिससे माता-पिता अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने के लिए प्रेरित हो रहे थे। कम एनरोलमेंट होने के कारण इन स्कूलों को पास के स्कूलों के साथ विलय करके बंद करने का बहाना बता दिया गया। 2016 में सरकारी सचिवों के एक समूह ने कम एनरोलमेंट वाले स्कूलों के पास के स्कूलों में विलय की सिफारिश की थी। नीति आयोग ने अगले वर्ष 2017 में इस प्रस्ताव का समर्थन किया था।
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या में 26,074 स्कूलों की गिरावट देखी गई। सितंबर 2018 में स्कूलों की संख्या 163,142 थी जो सितंबर 2020 में घटकर 137,068 हो गई। जबकि मध्य प्रदेश में स्कूलों की संख्या में 22,904 स्कूलों की गिरावट देखी गई। सितंबर 2018 में स्कूलों की संख्या 122,056 थी जो सितंबर 2020 में घटकर 99,152 हो गई।
हालांकि कुछ राज्यों में सरकारी स्कूलों की संख्या में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। बंगाल में यह संख्या 82,876 से बढ़कर 83,379 हो गई, जबकि बिहार में 72,590 से बढ़कर 75,555 हो गई। यूडीआईएसई प्लस की रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों की संख्या में गिरावट के कारणों की व्याख्या नहीं की गई है।