मंडी
मंडी जिले के द्रंग हलके के कोटरोपी में झील बनने व पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से उपजी स्थिति की रिपोर्ट उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने प्रदेश सरकार को भेज दी है। कोटरोपी में फ्लाईओवर या बाईपास बनाने की सिफारिश की गई है। पहाड़ी पर बनी झील से पानी निकासी की उचित व्यवस्था व जलभराव रोकने के लिए कारगर कदम उठाने की बात कही गई है। रिपोर्ट के साथ ड्रोन सर्वे की तस्वीरें व वीडियो भेजे गए हैं। प्रशासन ने रविवार को कोटरोपी की पहाड़ी, क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग व पहाड़ी पर बनी झील का ड्रोन से सर्वे करवाया था।
कोटरोपी में 12 अगस्त, 2017 से पहाड़ दरकने का क्रम पांच साल बाद भी जारी है। पंदलाही, जगेहड़ व सराजबागला गांव की 250 आबादी पांच साल से डर के साए में जीने को मजबूर हैं। तीनों गांवों पर भूस्खलन व मलबा गिरने का खतरा मंडरा रहा है। क्षेत्र की पांच पंचायतों उरला, चुक्कू, ग्वाली, कधार, डलाह पंचायत की 15000 आबादी राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने से प्रभावित हुई है। क्षेत्र के विद्यार्थियों को कालेज व कर्मचारियों को कार्यालय पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ रही है। सेना को रसद पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। इन दिनों पठानकोट से रसद लेकर रोजाना 100 के करीब ट्रक लेह के लिए जाते हैं।
डायनापार्क-झटिंगरी-घटासनी मार्ग से भेजे जा रहे वाहन
कोटरोपी में राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से बसें व अन्य छोटे वाहन पद्धर से डायना पार्क-झटिंगरी-घटासनी मार्ग से जोगेंद्रनगर भेज जा रहे हैं। इसी मार्ग से होकर वाहन पद्धर आ रहे हैं।
सरकार को भेजी रिपोर्ट : डीसी
उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी का कहना है कोटरोपी में किए गए ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। झील से काफी हद तक रिसाव होने से जलभराव कम हुआ है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए फ्लाईओवर या बाईपास बनाने की सिफारिश की गई है।
एनएचएआइ के अधिकारियों ने लिया कोटरोपी में हालात का जायजा
मंडी जिले के द्रंग हलके के कोटरोपी में पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को बहाल करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के उच्च अधिकारियों की एक टीम सोमवार को दिल्ली से कोटरोपी पहुंची। अधिकारियों ने मंगलवार से क्षतिग्रस्त मार्ग को बहाल करने की योजना बनाई। मौसम ने अगर साथ दिया तो 10 दिन में यहां अस्थायी रूप से मार्ग बहाल करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय दल के साथ आए विशेषज्ञों ने यहां दरक रही पहाड़ी का बारीकी से निरीक्षण किया।
एनएचएआइ के दिल्ली मुख्यालय के महाप्रबंधक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि नाले के पानी से मार्ग को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने परियोजना निदेशक पालमपुर को आदेश दिए कि मौसम की स्थिति देखते हुए पहले अस्थायी तौर पर मार्ग को बहाल कर वाहनों की आवाजाही शुरू करने के प्रयास करें। बाद में स्थायी रूप से बहाल करने के लिए कदम उठाए जाएं। परियोजना निदेशक कर्नल अनिल सेन ने कहा कि नाले में आई बाढ़ से 180 मीटर लंबे स्पेन में मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। मंगलवार से मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। कार्य मौसम पर निर्भर करेगा।