नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सभी सीमावर्ती राज्यों के पुलिस चीफ को निर्देश दिया है कि उनके क्षेत्र में होने वाले जनसांख्यिकी बदलाव बदलाव पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से डीजीपी पद की प्रकृति को बदलने की कोशिश की है, हम देख सकते हैं कि इसकी वजह से कई मुश्किलों के सफलतापूर्वक समाधान मिल रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि सभी राज्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए, यह देश के और युवा के भविष्य की लड़ाई है, इसके लिए हमे एक साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। हमे एक ही दिशा में काम करने की जरूरत है, हमे किसी भी कीमत पर जीतना होगा। एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि गृह मंत्री सीमावर्ती राज्यों के डीजीपी को कहा है कि वह जनसांख्यिकी बदलाव पर नजर रखें। यह डीजीपी की जिम्मेदारी है कि वह वह तकनीकी और रणनीतिक जानकारी को सामने लाएं।
आंतरिक सुरक्षा को लेकर सुरक्षाकर्मियों के प्रयास की गृहमंत्री ने तारीफ की है। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों के की अमित शाह ने तारीफ की। पहली बार नेशनल ऑटोमैटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के रूप में इस तरह की व्यवस्था तैयार की गई है, जिसके जरिए जमीनी स्तर पर हम गैर कानूनी गतिविधियों को कम कर सकते हैं। सिर्फ कंसाइनमेंट को पकड़ना पर्याप्त नहीं है, हमे जड़ से ड्रग नेटवर्क को खत्म करने की जरूरत है, यह कहां से आता है, कौन तैयार करता है उन्हें उखाड़ फेंकने की जरूरत है। हमे इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अमित शाह ने 5जी तकनीक का इस्तेमाल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक इंटेलिजेंस एजेंसी का लक्ष्य जानना नहीं बल्कि इसे साझा करना होना चाहिए। जबतक हम बदलाव नहीं लाते हैं तबतक सफलता की अपेक्षित उम्मीद नहीं की जा सकती है। हमे मानवीय इंटेलिजेंस को भी बराबर की महत्ता देनी चाहिए। दो दिन की कॉन्फ्रेंस में 600 से अधिक अधिकारियों ने अलग-अलग मुद्दों पर काउंटर रैडिकलाइजेशन पर चर्चा की।