कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में एक नई यूनिफॉर्म लागू करने जा रही है। सरकार की योजना के मुताबिक बंगाल में सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों की ड्रेस नीली और सफेद होगी। इस पर बंगाल सरकार का 'बिस्वा बांग्ला' लोगो भी होगा। उधर, विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई है। पूरा विवाद नीले और सफेद रंग के कॉम्बिनेशन को लेकर है।
दरअसल, यह दोनों रंग पश्चिम बंगाल की सत्तासीन पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) खुद नीले बॉर्डर वाली सफेद साड़ी पहनती हैं। ऐसे में स्कूली बच्चों की नीली और सफेद यूनिफॉर्म पर विपक्ष आपत्ति कर रहा है। अब तक बंगाल में काली पैंट और सफेद शर्ट स्कूली यूनिफॉर्म में शामिल रही है।
कैसी होगी नई यूनिफॉर्म
बंगाल सरकार ने जो आदेश निकाला है उसके मुताबिक MSME विभाग नई ड्रेस की आपूर्ति स्कूलों में करेगा। प्री प्राइमरी से आठवीं तक के लड़के सफेद शर्ट और नेवी ब्लू पैंट पहनेंगे, जबकि लड़कियां नेवी ब्लू फ्रॉक और सलवार कमीज के साथ सफेद शर्ट पहनेंगी। लड़के और लड़कियों, दोनेां की शर्ट की जेब पर बिस्वा बांग्ला का लोगो लगा होगा। छात्रों को जो स्कूल बैग दिए जाएंगे, उन पर भी बिस्वा बांग्ला का लोगो होगा। प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लड़कों को 1 हाफ पैंट और 1 फुल शर्ट मिलेगी। प्री प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक की लड़कियों को शर्ट और ट्यूनिक फ्रॉक के दो सेट मिलेंगे। तीन से 5वीं तक की लड़कियों को शर्ट और स्कर्ट के दो सेट दिए जाएंगे, जबकि कक्षा 6 से 8वीं तक सलवार और कमीज के दुपट्टा दिया जाएगा। इनके भी दो सेट दिए जाएंगे।
नीले सफेद का विवाद क्या
पश्चिम बंगाल में स्कूलों की ड्रेस से पहले ममता बनर्जी ने सभी सरकारी इमारतों का रंग नीला और सफेद करवाने का आदेश दिया था। टीएमसी पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह पूरे बंगाल को अपनी पार्टी के रंग में रंगना चाहती है। यूनिफॉर्म के मुद्दे पर लोगों ने अलग-अलग राय दी है। कुछ लोगों का कहना है कि इससे सरकारी स्कूलों की अपनी पहचान छिन जाएगी तो कुछ ने इस फैसले का स्वागत किया है। कुछ लोगों का कहना है कि यह राजनीतिक कदम है, जिससे शिक्षा व्वस्था को दूर रखना चाहिए था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी स्कूलों ने भी ममता के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।