नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि के मौके पर भी गांधी V/s गोडसे जारी रहा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुबह ट्वीट किया- एक हिंदुत्ववादी ने गांधीजी को गोली मारी थी। सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधीजी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू जिंदा हैं! राहुल के इस आरोप पर भाजपा के राज्यसभा प्रोफेसर सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या का प्रयास 20 जनवरी 1948 में प्रार्थना सभा के दौरान हुआ था। तब मदनलाल पाहवा पकड़ा गया। उसने पुलिस को बातें बताई थी कि क्या षड्यंत्र है। इसके बावजूद भी न तो षडयंत्रकारियों को पकड़ा गया और न ही गांधीजी की सुरक्षा बढ़ाई गई।
राहुल पर निशाना – हर दिन बापू के आदर्शों की हत्या हो रही
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे ने तो महात्मा गांधी की एक दिन हत्या की थी, लेकिन उनकी हत्या से उनके विचारों और आदर्शों के मूल्यों की हत्या नहीं हुई है। उन्होंने कहा- नेहरू-गांधी परिवार लगातार 1948 के बाद गांधी के आदर्शों, विचारों और मूल्यों की हत्या करता आ रहा है। इस परिवार ने गांधी सरनेम का सबसे अधिक दोहन और शोषण किया है। सिन्हा ने कहा कि इस परिवार के लिए सत्ता ही सब कुछ है, वरना यह न तो फिरोज गांधी की पुण्यतिथि पर एक ट्वीट करते हैं और न ही उनकी मजार पर जाते हैं। संसार में गांधी इकलौते हैं और वे एकवचन में हैं।
आज नेहरू नहीं, लेकिन उनके वंशज जवाबदेह
सिन्हा ने कहा कि गांधी जी सुरक्षा नहीं बढ़ाने को लेकर जवाब देने के लिए आज नेहरू तो हैं नहीं, लेकिन उनके वंशज जवाबदेह हैं कि नेहरू ने उनकी सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई, यह चूक थी या कोई बड़ा षडयंत्र था। राज्यसभा सांसद ने कहा – फिरोज खान का सरनेम Gandhy था। यह उसे छोड़ गांधी अपना रहे हैं। इसलिए मैं कह रहा हूं कि यह महात्मा गांधी के नाम का शोषण कर रहे हैं। राहुल गांधी इसीलिए वंशवाद का अमरबेल हैं। महात्मा गांधी ने अपने पुत्र को राजनीति और सामाजिक जीवन में नहीं दिया था।
राहुल एक चुनावी हिंदू, मुस्लिमों को लेकर अखिलेश से कॉम्पिटिशन
सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी एक चुनावी हिंदू हैं। मुस्लिम वोट बैंक साधने में राहुल गांधी का कॉम्पिटिनशन अखिलेश यादव से है। जब-जब चुनाव आता है तो वह हिंदुत्व को गाली देकर, हिंदुत्व की अलग व्याख्या बताने लगते हैं। वास्तव में तो कहीं पर नजर और कहीं पर निशाना लगा रहे हैं। वह हिंदुत्व और हिंदू संगठनों की आलोचना कर मुस्लिम वोट बैंक को समेटना चाहते हैं। वह मौजूदा समय में अखिलेश यादव का गुणगान कर रहे हैं और हिंदुत्व को गाली देकर मुस्लिम वोट बैंक को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।