केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बुधवार को पेश वर्ष 2023-24 के आम बजट में पंजाब को छह यूनिटी मॉल और तीन नर्सिंग कालेज मिले हैं। इस बार भी संवेदनशील इस राज्य के लिए विशेष पैकेज की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया। पंजाब सरकार ने सरहदी राज्य होने के कारण पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 100 करोड़ की मांग की थी।
केंद्र ने बजट में देश में 157 नर्सिंग कालेज बनाने की घोषणा की है। यह नर्सिंग कालेज उन्हीं इलाकों में बनने हैं, जहां 2014 की केंद्र की योजना के तहत 157 मेडिकल कालेज बनाने का काम चल रहा है। पंजाब में तीन नर्सिंग कालेज कपूरथला, गुरदासपुर, मालेरकोटला में बनाए जाएंगे हैं।
इसके अलावा केंद्रीय बजट में एक जिला एक उत्पाद के तहत यूनिटी माल खोलने की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत राज्य के छह जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, तरनतारन और फाजिल्का में एक-एक यूनिटी माल खोले जाएंगे,जहां संबंधित जिले के उत्पादों की बिक्री होगी।
बिना ब्याज कर्ज योजना का भी मिलेगा लाभ
नए बजट में राज्यों के लिए 50 वर्षीय कर्ज बिना ब्याज देने की भी योजना का एलान किया गया है, हालांकि इसके लिए मुख्य शर्त यह रहेगी कि इस कर्ज का एक हिस्सा पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च किया जाए। इस योजना से पंजाब को लाभ मिल सकता है क्योंकि राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 फीसदी के राजकोषीय घाटे की अनुमति भी दी गई है, जिसका 0.5 फीसदी विद्युत क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार को पिछले साल जीएसडीपी के आधार पर बाजार से 0.5 फीसदी कर्ज उठाने की अनुमति मिली थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बजट ने मोदी सरकार के किसान विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया। यह मोदी सरकार का आखिरी बजट है लेकिन दावों के बावजूद किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कुछ नहीं किया गया। सरकार किसानों को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से भी भाग रही है। वह धान की पराली की समस्या के हल के लिए केंद्र से किसानों को प्रति एकड़ 1500 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की तरफ से बराबर ग्रांट देने की पैरवी कर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया।