नई दिल्ली।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने रविवार को कहा कि वह संसद के मानसून सत्र के दौरान एक प्राइवेट मेंबर विधेयक लाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें "गलत तरीके से जेल में बंद" व्यक्ति को मुआवजा देने और दोषी एजेंसियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। बिहार के किशनगंज से लोकसभा सांसद ने कहा कि इस तरह के मामलों में तेजी और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को कथित रूप से निशाना बनाए जाने की घटना ने उन्हें बिल लाने के बारे में सोचने पर मजबूर किया है। जावेद ने कहा, ''ऐसे अनगिनत मामले हैं जिनमें एक व्यक्ति को पुलिस ने उठाया, जेल में डाल दिया और अंत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के हाथों गंभीर उत्पीड़न का सामना करने के बाद सभी आरोपों से बरी कर दिया।''
जावेद ने आरोप लगाया कि यह दशकों से हो रहा है लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के तहत यह निश्चित रूप से बढ़ा है। उन्होंने कहा, "इसे ध्यान में रखते हुए मैंने एक प्राइवेट मेंबर बिल लाने का फैसला किया है। गलत तरीके से जेल में बंद लोगों के मामलों में संबंधित अधिकारियों या सरकारी एजेंसियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और पीड़ित व्यक्ति को उचित मुआवजा के साथ-साथ सरकारी नौकरी भी मिले।''
यह पूछे जाने पर कि क्या जुबैर की गिरफ्तारी के हालिया मामले और फैक्ट चेकर को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के विपक्ष के आरोप का इस तरह के विधेयक लाने के उनके फैसले पर कोई असर पड़ा है, जावेद ने कहा कि उनके फैसले पर कई चीजें असर करती हैं और यह भी उन्हीं में से एक है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें मीडिया में सामने आने वाले ऐसे कई मामलों ने इसके लिए प्रेरित किया है। अपने बिल में वह विशेष मामले का विशेष रूप से उल्लेख नहीं करेंगे। जावेद ने कहा कि गिरफ्तार किया जाना और अपराधों का आरोप लगाया जाना जीवन और मृत्यु का मामला है। यह न केवल इसमें शामिल व्यक्ति बल्कि उसके परिवार, पड़ोस, समुदाय और मित्र मंडली को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक उन मामलों पर लागू होगा जिनमें लोगों को जेल में रखा गया था और बाद में बिना किसी आरोप के बरी कर दिया गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें विधेयक पेश करने की अनुमति मिलेगी, जावेद ने कहा कि इस मुद्दे के महत्व को देखते हुए प्राइवेट मेंबर बिल पेश करना हर सदस्य का अधिकार है। विधेयक में पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा, उसे सरकारी नौकरी और "गलती" करने वाली सरकारी एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान होगा।
कांग्रेस सांसद ने कहा, "ऐसे मामले वहां होते हैं जहां सरकार अक्षम होती है। अपनी खामियों को छिपाने के लिए इस तरह की कार्रवाइयों से मर्दाना दिखती है।" जावेद ने कुछ दिन पहले ट्विटर पर इस तरह का विधेयक लाने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्हें कांग्रेस के दो सांसदों शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम का तत्काल समर्थन मिला था। जावेद ने दावा किया कि न केवल उन दो सदस्यों बल्कि अन्य दलों के सदस्यों ने भी निजी तौर पर इस मुद्दे पर समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि विभिन्न "मजबूरियों" के कारण हर कोई स्पष्ट रूप से समर्थन में नहीं आ सकता है।